बिहार सरकार के पास नही है 1 लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों के कागजात(प्रमाण पत्र फोल्डर).....HIGH COURT ने मांगा सरकार से जवाब
23 दिसंबर तक की मोहलत
निदेशक ने इसको लेकर बतौर डीईओ, डीपीओ को नियोजन इकाई के अलावा पंचायत सचिव, नियोजन इकाई के सभी सदस्यों के साथ बैठक कर 23 दिसम्बर तक विभाग को रिपोर्ट समर्पित करने का भी आदेश जारी किया है. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने रंजीत पंडित द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई दो दिनों पहले की थी. इसमें कोर्ट ने सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए अंतिम समय भी दिया है.
फर्जीवाड़े की आशंका
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री के आधार पर नियोजन इकाई से बहाल कई लोग नौकरी कर रहे हैं. अभी तक उन शिक्षकों का फोल्डर भी पूरी तरह उपलब्ध नहीं कराया गया है. इस मामले में अगली सुनवाई भी 9 जनवरी 2021 को होगी।
क्या है पूरा मामला
राज्य सरकार फोल्डर ढूंढने का काम पिछले पांच साल से करा रही है, वहीं जानकारी के मुताबिक नियोजित शिक्षकों के 2.13 लाख दस्तावेजों की अब तक जांच हो पायी है. बिहार में कुल तीन लाख 65 हजार 152 प्रारंभिक शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की जा जानी है. ये सभी वैसे शिक्षक हैं जिनका नियोजन 2006 से 2015 के बीच हुआ था।
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