अब नियोजित शिक्षक बनेंगे हेडमास्टर/प्रधानाध्यापक.....प्रोन्नति के लिए बनी कमिटी

Patna.....राज्य सरकार द्वारा संचालित मध्य विद्यालय एवम् माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक का पद स्वीकृत है।वर्तमान में बिहार के अधिकांश मध्य विद्यालय एवं माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय का संचालन प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा किया जा रहा है।किसी भी विद्यालय के प्रभावी संचालन में प्रधानाध्यापक की भूमिका अहम होती है।इसे देखते हुए बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी माध्य,माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों को नियुक्ति/प्रोन्नति के द्वारा भरने का निर्णय लिया है।

                      बिहार के मध्य विद्यालय (बुनियादी विद्यालय सहित) में प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति/नियुक्ति हेतु तीन नियमावली है। पहले नियमावली के तहत 391 राजकीय बुनियादी विद्यालय के प्रधानाध्यापक का पद अवर शिक्षा सेवा (प्राथमिक शाखा) संवर्ग का मूल कोटि है। दूसरे नियमावली के तहत बिहार राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक स्थानांतरण, अनुशासनिक कर्रवाई एवं प्रोन्नति नियमावली, 2018 के तहत जिला संवर्ग के सहायक शिक्षकों को मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति का प्रावधान है एवं तीसरे नियमावली के तहत बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2020 एवं बिहार नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2020 के तहत पंचायत/नगर प्रारंभिक शिक्षक संवर्ग में मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के सभी पद प्रोन्नति से भरे जाएंगे।

                                 वहीं यदि राज्य के माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय (प्रोजेक्ट कन्या माध्यमिक विद्यालय सहित) में भी प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति/नियुक्ति हेतु तीन नियमावली है। पहले नियमावली बिहार शिक्षा सेवा संवर्ग नियमावली 2014 के तहत 69 राजकीय माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर संविलियन के आधार पर बिहार शिक्षा सेवा (शिक्षण उपसंवर्ग) संवर्ग के पदाधिकारियों के पदस्थापना की कार्रवाई की गई। बिहार शिक्षा सेवा (शिक्षण उपसंवर्ग) संवर्ग का पद मननशील घोषित है। दूसरे नियमावली के तहत बिहार राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालय सेवा शर्त नियमावली 1983 (समय-समय पर यथा संशोधित) इसके तहत प्रधानाध्यापक के 50% पदों पर प्रमंडलीय संवर्ग के सहायक शिक्षकों के प्रोन्नति से भरने का प्रावधान है। शेष 50% पद पर बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी नियुक्ति का प्रावधान है। इसके तहत 2787 राजकीयकृत माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक का पैड आच्छादित है एवं तीसरे नियमावली के अनुसार बिहार जिला परिषद माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2020 बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2020 के तहत प्रधानाध्यापक के सभी पद प्रोन्नति से भरे जाएंगे।

                                  उपर्युक्त माध्य,माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति/प्रोन्नति हेतु सुझाए गए नियमावली की समीक्षा आवश्यक है। जिससे इसके कार्यान्वयन में आवश्यक सुधार हो सके और प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों पर पदस्थापना की करवाई त्वरित गति से करते हुए गुणात्मक शिक्षा के लक्ष्य की प्राप्ति हो सके। इसके लिए शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज ने शिक्षा विभाग के अपर सचिव गिरवर दयाल सिंह की अध्यक्षता में एक 7 सदस्यी कमेटी की गठन किया है। इस कमेटी में माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक चंद्रशेखर शर्मा, प्राथमिक शिक्षा उपनिदेशक प्रभात कुमार पंकज एवं उर्मिला कुमारी, माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक अमित कुमार, प्राथमिक शिक्षा के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक आर एस सिंह एवं बिहार शिक्षा सेवा के सेवानिवृत्त पदाधिकारी राजीव रंजन प्रसाद शामिल है।

                                  शिक्षा विभाग द्वारा गठित 7 सदस्यी कमेटी प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति/सीधी नियुक्ति हेतु कालावधि/योग्यता का निर्धारण, पैनल का निर्धारण, प्रतियोगिता परीक्षा/समिति परीक्षा के विकल्प पर प्रस्ताव एवं उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय के लिए एक अथवा एक से अधिक प्रधानाध्यापक पद सृजन और उनके दायित्वों के निर्धारण पर प्रस्ताव देगी। इसके लिए इस समिति को 1 महीने का समय दिया गया है।

                                  अब यह देखना दिलचस्प होगा कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरवर दयाल सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी अपना रिपोर्ट कब देती है और वह नियोजित शिक्षकों को प्रधानाध्यापक बनने के लिए प्रोन्नति या प्रतियोगिता परीक्षा का सुझाव देती है।

Comments

  1. परीक्षा लेना कोई गलत बात नहीं है लेकिन इसे सभी विभागों में लागू किया जाना चाहिए

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  2. सरकार को एक प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन करना चाहिए जिसमें एकही परीक्षा से प्रधानाध्यापक बनना चाहिए ।इसी से उच्चतर माध्यमिक और माध्यमिक ,मध्य और प्राथमिक विद्यालय सभी होगे ।अर्थात प्रधानाध्यापक का एक अलग कैडर होना चाहिए ।शिक्षा की गुणवत्ता के लिए प्रोमोशन योग्यता आधारित होना चाहिए ।योग्य पद पर योग्य व्यक्ति ही जाना चाहिए ।इस परीक्षा में अनुभव जितना मन हो निर्धारित कर परीक्षा से ही प्रधानाध्यापक की नियुक्ति हो । परीक्षा में जिसको ज्यादा नंबर आय वह ऊपर से उच्चतर माध्यमिक,माध्यमिक,मध्य,और प्राथमिक विद्यालय के प्रधानध्यापक बन जाएगा एक ही परीक्षा में लगभग सबको भाग लेने की अनुमति दिया जाय तो किसी को कोई शिकायत नहीं होगी और प्रधानाध्यापक भी योग्य बन जाएगा ।

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