एक सच्चाई:-हमारी इस न्यूज़ स्टोरी के फीचर इमेज में जो महिला दिख रही हैं वो एक शिक्षिका हैं जो पिछले साल हुए नियोजित शिक्षकों के आंदोलन में पोस्टर गर्ल बन कर बीबीसी से लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया तक तमाम अखबारों और न्यूज वेबसाइटों में शिक्षक आंदोलन की पोस्टर पोस्टर गर्ल बनी हुई थी। ‘पोस्टर गर्ल’ शायद उचित शब्द नहीं है लेकिन इन्हें नियोजित शिक्षकों के आंदोलन का चेहरा तो आप कह ही सकते हैं। लेकिन आज ये अपनी नौकरी से हाथ धो चुकी हैं और न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। फिर भी न्याय मिलने की कहीं से भी उम्मीद नहीं दिख रही है।
क्या है निगरानी जाँच का पूरा मामला...❓
पटना उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में कहा गया था कि नियोजित शिक्षकों की बहाली में भारी संख्या में फ़र्ज़ी सर्टिफिकेट पर शिक्षक बहाल हुए हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर असर तो पड़ा ही साथ ही बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार भी हुआ है। इसलिए हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जाँच का जिम्मा निगरानी विभाग को सौंप दिया। इसी जाँच के अंतर्गत मुंगेर जिले के तारापुर प्रखंड में पदस्थापित शिक्षिका चांदनी कुमारी को फ़र्ज़ी करार देते हुए तारापुर थाना में (कांड संख्या- 29/2019) प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी। तब से इनका वेतन बंद है।
कब और क्यों हुईं सेवामुक्त...❓
पिछले साल जुलाई में हुए नियोजित शिक्षकों के आंदोलन के दौरान पटना के गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर 12 फीट ऊंचे गेट को फाँद कर बैरिकेडिंग तोड़ने के आरोप में श्रीमती चांदनी कुमारी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन्हें 5 दिनों तक जेल में भी रहना पड़ा। तत्पश्चात इनको अपने अन्य साथियों के साथ बेल मिली। इस घटना के तुरंत बाद ही इन पर विभागीय स्तर पर त्वरित कार्यवाही करते हुए इनको सेवा मुक्त करने का आदेश जारी कर दिया गया। स्थानीय शिक्षकों का आरोप है कि इन्हें सरकार के खिलाफ विरोध एवं स्थानीय नेताओं की राजनीति के कारण इन्हें सेवा मुक्त कर दिया गया।
उसके बाद शुरू हुई संघर्ष की दास्ताँ.....
उसके बाद से लगातार उन्होंने अपनी नौकरी वापस पाने के लिए हर तरह का प्रयास किया इस विषय में वह बताती हैं,
“जब मेरे सर्टिफिकेट को विभाग के द्वारा फर्जी बताया गया तो मेरे विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने अपने स्तर पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से मेरे सर्टिफिकेट का सत्यापन कराया। सत्यापन में मुझे टीईटी परीक्षा में द्वितीय पत्र में उत्तीर्ण बताया गया जिसके तहत मेरी बहाली कक्षा 6 से 8 के लिए हुई है। मैंने यह सारे कागजात विभागीय पदाधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किए। इसके बावजूद मुझे सेवा मुक्त कर दिया गया।”
विधान परिषद में भी उठा मामला.....
शिक्षक आंदोलन चल ही रहा था इसी बीच शिक्षक आंदोलन के प्रमुख चेहरे की बर्खास्तगी की खबर पूरे बिहार के शिक्षकों में सनसनी की तरह फैल गई। विभिन्न शिक्षक संगठनों ने भी अपने स्तर से इनकी नौकरी वापस दिलाने का प्रयास किया। इसी क्रम में बिहार विधान परिषद में भी एमएलसी नवल किशोर यादव द्वारा इनकी बर्खास्तगी के संबंध में प्रश्न उठाया गया। इसी के आलोक में पुलिस महानिदेशक ने मुंगेर पुलिस अधीक्षक को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया। मुंगेर के पुलिस अधीक्षक ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को जांच का जिम्मा सौंप दिया।
क्या मिला जाँच रिपोर्ट में...❓
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, तारापुर के पंत्राक-52, दिनांक-18-01-2020 के तहत हुए अनुसंधान में यह स्पष्ट किया गया है की शिक्षिका चाँदनी कुमारी पर भ्रामक एवं गलत तरीके से निगरानी विभाग द्वारा एफआईआर किया गया है। तारापुर प्रखण्ड के अन्तर्गत मध्य विद्यालय बिहमा में पदस्थापित शिक्षिका चाँदनी कुमारी के सन्दर्भ में तारापुर अनुमंडल पुलिस अवर निरीक्षक रामेश्वर प्रसाद द्वारा अपने स्पष्टीकरण में साफ तौर पर उल्लेख किया है की निगरानी जाँच हेतु जिले में निगरानी विभाग में प्रतिनियुक्त शिक्षक अमित कुमार, प्रभात कुमार, श्री राम तिवारी एवं शशिभूषण त्रिपाठी द्वारा प्रमाणपत्रों के जाँच में गङबङी की गयी है। उन्होंने अपने स्पष्टीकरण में बताया कि जब उनके पास उक्त शिक्षिका के सर्टिफिकेट की जांच रिपोर्ट आयी थी तो उसमें उनके सर्टिफिकेट के फ़र्ज़ी होने की बात नहीं लिखी गयी थी। उनके हस्ताक्षर करने के बाद प्रतिनियुक्त शिक्षकों द्वारा ऐसा लिख दिया गया।
अब तक नहीं करायी गयी Joining
पुलिस की रिपोर्ट आए हुए लगभग 1 साल का समय बीतने को आया इसके बावजूद ना तो नगर पुलिस अधीक्षक ने उनके ऊपर दाग द फायर को वापस लिया है और ना ही शिक्षा विभाग ने उन्हें वापस नौकरी पर बहाल किया इस संबंध में टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक अमित विक्रम एवं महासचिव उदय शंकर के तरफ से जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना ) मुंगेर को निगरानी विभाग द्वारा जाँच में गङबङी से अवगत कराने एवं जाँच में फर्जी पाये गये सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की पुनः जाँच करने साथ ही दुर्भावना से ग्रसित होकर जाँच में गङबङी कर शिक्षा विभाग को भ्रामक जानकारी उपलब्ध करवाने वाले दोषियों के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई हेतु ज्ञापन सौंपा गया।
उन्होंने माँग की है कि नुमंडल पुलिस पदाधिकारी तारापुर के अनुसंधान रिपोर्ट के आलोक मे जिला शिक्षा पदाधिकारी मुंगेर को शिक्षिका चाँदनी कुमारी को पुनः बहाल किया जाए। साथ ही निगरानी विभाग द्वारा जाँच में फर्जी पाये गये सभी शिक्षकों का प्रमाण पत्र अपने स्तर से जाँच कर निर्दोष शिक्षकों को विभागीय कार्यवाही से मुक्त करते हुए निगरानी जाँच में प्रतिनियुक्त शिक्षकों अमित कुमार, प्रभात कुमार, श्री राम तिवारी, एवं शशिभूषण त्रिपाठी के साथ-साथ इस मामले में संलिप्त अन्य लोगों के विरुद्ध जाँच में फर्जीवाङा करने के आरोप में नियमानुकूल संगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई किया जाय। इसके अलावा संघ ने माँग की है कि पुलिस अधीक्षक, मुंगेर को प्रमाणपत्रों की जाँच में जबाबदेह पुलिसकर्मी रहमत अली तथा रामेश्वर प्रसाद के विरुद्ध विभागीय जाँच एवं कारवाई हेतु अनुशंसा की जाए।
🙏🙏
ReplyDeleteChaandni ji ka bahali jaldi ho.
ReplyDeleteशिक्षक हीं शिक्षक का दुष्मन बना हुआ है। इससे अधिक शर्म की बात क्या हो सकती है।
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