राज्य के सभी विद्यालयों मे प्रधानाध्यापक के साथ साथ सभी शिक्षकों की लगेगी फोटो...साथ मे मोबाइल नम्बर और योग्यता......बिहार सरकार का बड़ा फैसला

पटना(बिहार):-उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब बिहार में भी स्कूलों से भागने वाले अध्यापकों पर सरकार शिकंजा कसने जा रही है। प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों पर अध्यापकों की बड़ी बड़ी तस्वीर फ्लैक्स पर लगाने का आदेश जारी किया गया है। अध्यापकों की तस्वीर के साथ उनका पद और मोबाइल नंबर भी फ्लैक्स पर अंकित किया जाएगा। इससे कोई अभिभावक स्कूलों पर अध्यापकों की उपस्थित आसानी से जान सकेगा। शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।

दो साल पहले योगी सरकार ने यूपी में किया था प्रयोग

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दो साल पहले वर्ष 2018 में यह व्यवस्था देश में पहली बार प्रयोग के तौर पर लागू की थी। इसका उद्देश्य था कि विद्यालय के अध्यापकों को क्षेत्र के लोग जान सकें। उनकी योग्यता और विषय के टीचरों को आम आदमी को बताना इस योजना का बड़ा उद्देश्य रहा। इस प्रयोग के बाद उत्तर प्रदेश में स्कूलों से भागने वाले अध्यापकों पर काफी हद तक अंकुश भी लगाया जा सका था। उत्तर प्रदेश में ऐसे भी मामले आए थे जिसमें पोस्टिंग किसी टीचर की थी और पढ़ा रहा था कोई और। ऐसे स्कैम अन्य प्रदेशों में भी चल रहे हैं। बिहार को ऐसे मामलों से मुक्त रखने को लेकर बिहार सरकार ऐसी व्यवस्था बना रही।

दिसंबर माह में हर विद्यालय पर होगा अध्यापकों का पोस्टर

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के विशेष कार्य पदाधिकारी विनोदानंद झा ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जारी आदेश में कहा है कि दिसंबर माह में सभी विद्यालयों के बरामदे में प्रधानाध्यापक और शिक्षक से जुड़ी सभी जानकारी उनकी बड़ी फोटो व मोबाइल नंबर के साथ फ्लैक्स पर लगा दिए जाएं। प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हर हाल में फ्लैक्स लगाया जाना चाहिए। शिक्षकों से संबंधित सभी सूचनाएं दीवार पर फ्लैक्स में अंकित कर देनी है।

यह होगा बड़ा फायदा, सुधरेगा सिस्टम

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के विशेष कार्य पदाधिकारी विनोदानंद झा ने इस योजना से लाभ बताते हुए कहा है कि इससे निरीक्षण के दौरान पदाधिकारियों, विद्यालय शिक्षा समिति और अभिभावकों पूरी जानकारी होगी। इसके साथ ही आवश्यकता होने पर शिक्षकों से संपर्क करना भी आसान होगा। इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वह विशेष अभियान चलाकर दिसंबर माह में यह काम हर हाल में पूरा करा दें। इसमें होने वाले खर्च को विद्यालय विकास कोष से करने का भी आदेश दिया गया है। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के विशेष कार्य पदाधिकारी विनोदानंद झा ने बताया कि इस व्यवस्था से आम आदमी भी जान लेगा कि किस स्कूल पर कौन अध्यापक है। कौन विषय के कौन टीचर हैं और उनकी योग्यता क्या है,यह भी जाना जा सकेगा।

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