नए Syllabus के अनुसार शिक्षकों को दी जाएगी TRAINING/प्रशिक्षण....बिहार सरकार बना रही है पाॅलिसी-एक माह मे आएगी रिपोर्ट
PATNA.....बिहार के शिक्षकों को हाल में पाठ्यक्रम में शामिल नये शिक्षण पाठों के प्रति समझ बढ़ाने और पुस्तकों के कठिन मुद्दों की स्पष्टता के लिए शिक्षा विभाग एक स्थायी नीति बना रही है. खासतौर पर इसके लिए वह सेवा कालीन व्यावहारिक प्रशिक्षण नीति बना रहा है. इसके लिए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने दो उच्च स्तरीय समितियां बनायी हैं.
इन समितियों को एक माह के अंदर रिपोर्ट देनी है. कक्षा 9 से 12 तक के शिक्षकों के सेवा कालीन प्रशिक्षण पॉलिसी तैयार करने की जिम्मेदारी छह सदस्यीय समिति को दी गयी है.
इसके संयोजक सदस्य सीटीइ भागलपुर के प्राचार्य राकेश कुमार, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के डीन ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय की सहायक प्राचार्य डॉ चंदन श्रीवास्तव, महात्मा गांधी केंद्रीय विद्यालय मोतिहारी के प्रो आशीष श्रीवास्तव एवं डीन प्रो कौशल किशोर एवं बांका के सहायक शिक्षा डॉ रमेश झा बतौर सदस्य शामिल किये किये हैं.
इसी तरह कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों के लिए भी समितियां बनायी जा रही हैं. इसके संयोजक सदस्य सीटीइ तुर्की मुजफ्फरपुर के प्रभारी प्राचार्य इम्तियाज अहमद एवं बतौर सदस्य डाइट के सेवानिवृत्त प्राचार्य विजय कुमार झा, एससीइआरटी के व्याख्याता तेज नारायण प्रसाद, सीटीइ के सेवानिवृत्त प्राचार्य सुभाष चंद्र झा, बड़हरा भोजपुर के शिक्षक मनोज त्रिपाठी एवं चंडी नालंदा के प्रधानाध्यापक कृत प्रसाद शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों को ट्रेंड करने के लिए सेवा कालीन प्रशिक्षण सेवा कालीन प्रशिक्षण अनिवार्य किया जायेगा. इसकी जिम्मेदारी प्रदेश के 66 प्रशिक्षण केंद्रों को दी जायेगी. इस पूरे मामले में शोध एवं प्रशिक्षण के निदेशक डॉ विनोदानंद झा ने जारी किये हैं. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि
शिक्षा होगी गुणवत्तापूर्ण बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जरूरी है कि ट्रेंड बदलावों से परिचित हों. पढ़ाने के दौरान की कठिनाइयों को दूर करने सेवा कालीन प्रशिक्षण जरूरी हो गया है. इसके लिए विभाग एक पॉलिसी बना रहा है. इसके लिए समितियां गठित की गयी हैं.
बिहार शिक्षा विभाग ने इस महत्वपूर्ण उद्देश्य की पूर्ति हेतु काम करना आरंभ कर दिया है। इसके लिए शोध एवं प्रशिक्षक निदेशक डॉ विनोदानंद झा ने ज्ञापांक 126 दिनांक 27 नवंबर 2020 को एक आदेश जारी किया है। उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि बिहार राज्य में बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति कक्षा 1 से 12 तक अध्यापन का कार्य करने के लिए हुआ है। इन शिक्षकों की संख्या करीब 4.50 लाख है, जिन्हें सेवाकालीन प्रशिक्षण कराया जाएगा। इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था संचालन का कार्य 33 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET), 6 अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय (CTE), 4 प्रखंड अध्यापक शिक्षा संस्थान (BITE) एवं 23 प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय (PTEC) अर्थात कुल 66 सरकारी शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों को दिया जाएगा। सभी कार्यरत शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। सरकारी शिक्षण संस्थानों का दायित्व होगा कि निर्धारित समय सीमा में शिक्षकों को सेवाकालीन प्रशिक्षण उपलब्ध कराएं।
शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के सेवाकालीन प्रशिक्षण के लिए दो कमेटियां गठित की गई है दोनों कमेटियां छह-छह सदस्यीय है। पहली कमेटी कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षकों के लिए,वहीं दूसरी कमेटी कक्षा 9 से 12 तक के शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग नीति बनाएगी।
" हर 10 साल में किताबे बदल रही है। कोरोना, आपदा, गांधी जैसे नई जरूरत के विषय बच्चों की समझ कि मुद्दे बन रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों के सेवाकालीन प्रशिक्षण की अनिवार्यता महसूस की जा रही थी। अगले एक महीने में नीति बन जाने पर कोशिश होगी हर शिक्षकों 5 से 10 दिनों की विस्तृत ट्रेनिंग दी जाय।इसका व्यापक और दूरगामी असर दिखेगा। इस ट्रेनिंग को शिक्षकों के कैरियर और प्रोन्नति से भी जोड़ा जाएगा।"
- डॉ विनोदानंद झा, निदेशक शोध एवं प्रशिक्षण
कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षकों के लिए जो समिति गठित की गई है वह इस प्रकार है :-
1. इम्तियाज अहमद, प्रभारी प्रचार, CTE तुर्की मुजफ्फरपुर
2. विजय कुमार झा, सेवानिवृत्त प्राचार्य, डायट, कुमारबाग पश्चिमी चंपारण
3. तेज नारायण प्रसाद, व्याख्याता SCERT पटना
4. सुभाष चंद्र झा, सेवानिवृत्त प्राचार्य, CTE तुर्की, मुजफ्फरपुर
5. मनोज त्रिपाठी, शिक्षक, बड़हरा, भोजपुर
6. कृत प्रसाद, प्रधानाध्यापक, मध्य विद्यालय, गौरहा पर, चंडी नालंदा
कक्षा 9 से 12 तक के लिए जो समिति गठित की गई है वह इस प्रकार है :-
1. राकेश कुमार, प्राचार्य, CTE भागलपुर
2. ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी, डीन, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना
3. चंदन श्रीवास्तव, सहायक प्राचार्या, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, गया
4. आशीष श्रीवास्तव, महात्मा गांधी केंद्रीय विद्यालय, मोतिहारी
5. कौशल किशोर, डीन, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन S.B University,गया
6. रमेश झा, सहायक शिक्षक, प्रोजेक्ट कन्या उत्क्रमित विद्यालय खडहरा, बांका
उपर्युक्त दोनों छह सदस्यीय कमेटी को एक माह के अंदर सभी हित समूह के साथ विस्तृत चर्चा, विमर्श कर नीति निर्माण कर निदेशक, शोध एवं प्रशिक्षण को उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया गया है। इस तरह उम्मीद की जा सकती है कि दिसंबर माह के अंत तक कमेटी अपना रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंप देगी और नए वर्ष में शिक्षकों का सेवा कालीन प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा
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