TET शिक्षक आंदोलन को लेकर फिर हो रहे हैं गोलबंद...बनायी जा रही है विशेष रणनीति

पटना.....अगर आपको याद हो तो कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन से पहले बिहार में समान काम के लिए समान वेतन, पेंशन, ग्रेच्युटी, सहायक शिक्षक व राज्यकर्मी का दर्जा और सेवाशर्त सहित अन्य माँगों को लेकर बिहार के साढ़े चार लाख से अधिक नियोजित और टीईटी शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे।

ये शिक्षक बिहार के अलग-अलग जिलों में धरना-प्रदर्शन और हड़ताल कर रहे थे, राजधानी पटना की सड़कों पर घूम-घूम कर लोगों से भिक्षा मांग रहे थे और तो और हज़ारों शिक्षकों ने पटना में सामूहिक मुंडन भी करवाया था।

13 मार्च को सामूहिक मुंडन करवाने के बाद टीईटी शिक्षक धरना देते हुए

लेकिन कोरोना महामारी के कारण इनका आंदोलन अधर में ही रह गया और बिना किसी ठोस निर्णय के इन्हें अपना आंदोलन व हड़ताल वापस लेना पड़ा।

टीईटी शिक्षकों की क्या रही है माँग? 

मई 2019 में समान काम के लिए समान वेतन का केस नियोजित शिक्षक सुप्रीम कोर्ट में हार चुके हैं। इसके बावजूद वो लगातार समान काम समान वेतन के लिए आंदोलन करते रहे हैं और इसी उद्देश्य से उन्होंने हड़ताल भी किया था।

जब हमने इस पर टीईटी शिक्षक संघ (मूल) की प्रदेश प्रवक्ता मंजीता झा से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा, “ये जरूर है कि सुप्रीम में हम समान काम समान वेतन का केस हार चुके हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट के उसी निर्णय के पारा 78 में टीईटी शिक्षकों को बेहतर और सम्मानजनक वेतन देने की भी बात कही गई है। सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक हिस्से को तो मान रही है लेकिन एक दूसरे महत्वपूर्ण हिस्से को दरकिनार भी कर रही है, जिसमें कोर्ट ने टीईटी शिक्षकों को ‘एक्सपर्ट शिक्षक’ मानने और उन्हें सम्मानजनक वेतन देने की बात की है।”

वो हमारी बातचीत में बार-बार इस बात को दुहराती हैं, “टीईटी जैसी परीक्षाओं को पास करने वाले विशेषज्ञ शिक्षकों को बेहतर पे स्केल देने की बात स्पष्ट रूप से उसी न्यायदेश में अंकित है।”

अपने नवजात शिशु को लेकर भिक्षाटन में शामिल हुईं शिक्षिका

टीईटी शिक्षक संघ (मूल) के प्रदेश महासचिव आकाश सिंह का कहना है, “सुप्रीम कोर्ट के सुझाव और हाई कोर्ट के आदेश से बहुत पहले 2015 में भी सरकार ने हमारी माँगों को मानने और 3 महीने में सेवा शर्तों को लागू करने की बात कही थी। तब हमने 41 दिनों का हड़ताल किया था। लेकिन सेवा शर्त बनाने में 5 साल से अधिक का समय लग गया और मिला भी तो चाइनीज सेवाशर्त मिला।”

उनका कहना है, “सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट का फैसला टीईटी पास शिक्षकों के पक्ष में है, फिर भी सरकार इसे लागू करने में हिचक रही है।”

अब तक इन्हें मिला क्या

बिहार में टीईटी परीक्षा पास शिक्षक भी अन्य नियोजित शिक्षकों के साथ ही पंचायती राज संस्थानों के एवं नगर निकायों के अंतर्गत आते हैं। इन्हें भी उन्हीं की तरह सेवा शर्त एवं 15% की वेतन वृद्धि की घोषणा 1 अप्रैल 2021 से हुई है। साथ ही इन्हें पारस्परिक स्थानांतरण एवं महिलाओं व दिव्यांगों को ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ भी दिया गया है।

इसके अलावा ईपीएफ का लाभ भी इनके लिए सितंबर माह से ही लागू कर दिया गया है। लेकिन इन सब सुविधाओं से टीईटी शिक्षक खुश नहीं है। और ये सुप्रीम कोर्ट के सुझाव को यथावत लागू करने के लिए संघर्ष करने की तैयारी कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के सुझावों को लागू करवाने के लिए हाईकोर्ट में केस

सुप्रीम कोर्ट के इस सुझाव के बाद भी राज्य में टीईटी शिक्षकों की स्थिति नहीं सुधरी। इस वजह से शिक्षकों के एक समूह को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। फरवरी 2020 में केस संख्या CWJC – 2087/2020 की हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सुझाव और फैसले को अक्षरशः लागू किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने इस मामले में बिहार सरकार को चार महीने का समय दिया था।

4 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जब सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया तो संघ के मुख्य याचिकाकर्ता कुमार सौरव सहित अन्य याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अवमानना वाद दायर कर दिया। इसकी सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है।

क्या करेंगे शिक्षक अब?

टीईटी शिक्षक संघ(मूल) की प्रदेश प्रवक्ता मंजीता झा का कहना है,

संघ द्वारा माननीय उच्च न्यायालय पटना में CWJC – 19777/2019 फाइल किया गया था जिसमें पारा 78 को लागू कराने एवं वेतन घोटाले को लेकर पहली सुनवाई में माननीय न्यायाधीश महोदय ने सख्त और कड़ा रुख अख्तियार किया। इस केस की सुनवाई करते हुए इसकी प्रकृति एवं आधार को देखते हुए इसे टॉप 10 में लिस्टिंग करने का आदेश दिया था। लेकिन कोरोना महामारी एवं अन्य कारणों की वजह से अब तक केस की आगे सुनवाई नहीं हो पाई है। हम प्रयासरत हैं कि जल्द इस मामले की सुनवाई को और हमें न्याय मिल सके।”

गौरतलब है कि बिहार के 76 हजार से अधिक प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में 60 हजार नियमित शिक्षक, 2.5 लाख शिक्षामित्र और 1.5 लाख टीईटी पास शिक्षक तैनात हैं। लगभग 96 हज़ार शिक्षकों की बहाली अभी प्रक्रियाधीन है। आरटीई के मानकों के तहत ये भी टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक ही होंगे।

Comments

  1. Ham tan man dhan k sath apne teacher sangh k sath denge jb tK Mang mangalmay n ho jay.jay shikshak sangh

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