बिहार मे बदला कानून....विभिन्न तरह के प्रमाणपत्र अब आसान तरीके से मिल सकेंगे(बिहार सरकार की स्वीकृति)
आवासीय-जाति प्रमाणपत्र को लेकर बिहार मे बदला कानून....Email से मिलेगा certificate(प्रमाणपत्र)
बिहार में अब Email से ही मिल जायेंगे पांच तरह के प्रमाणपत्र,लोक सेवा का अधिकार अधिनियम में हुआ अहम बदलाव:-राज्य सरकार ने लोक सेवा का अधिकार अधिनियम(RTPS) में अहम बदलाव किया है।इसके तहत अब पांच तरह के प्रमाणपत्रों को प्राप्त करने के लिए काउंटर(COUNTER) पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।तय समय सीमा में ये प्रमाणपत्र बनकर संबंधित व्यक्ति के Email पर आ जायेंगे।इन्हें डाउनलोड(download) करके प्रिंट(print) निकाल सकते हैं और इसकी सॉफ्ट कॉपी(soft copy) को ऑनलाइन(online) सुरक्षित करके भी रख सकते हैं।
जिन पांच सेवाओं में यह सुविधा दी गयी है उनमें जाति प्रमाणपत्र,आय प्रमाणपत्र,आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्गों का प्रमाणपत्र(EWS),आवासीय प्रमाणपत्र और नॉन क्रीमी लेयर(Non-Cremelair) का प्रमाणपत्र शामिल हैं।आरटीपीएस(RTPS) के माध्यम से अभी 66 तरह की सेवाएं दी जाती हैं. इनमें 70 से 72% आवेदन सिर्फ इन्हीं पांच प्रमाणपत्रों को बनाने के लिए आते हैं।छात्रों को इस नयी सुविधा से सबसे ज्यादा फायदा होगा।इस सुविधा को सामान्य प्रशासन विभाग ने शुरू कर दिया है।हाल में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आरटीपीएस कानून को लेकर हुई समीक्षा बैठक के बाद यह अहम बदलाव किया गया है।इसमें सीएम ने सेवाओं को सुलभ बनाने का आदेश दिया था।
ये प्रमाणपत्र मिलेंगे:-
जाति प्रमाणपत्र,आय प्रमाणपत्र,आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्गों का प्रमाणपत्र,आवासीय प्रमाणपत्र,नॉन क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र
Mobile पर SMS द्वारा LINK भी दिया जाएगा:-
आवेदन करने के दौरान ही संबंधित व्यक्ति को अपना मोबाइल नंबर और इ-मेल आइडी(Email ID) देना अनिवार्य होगा।बाद मे इन प्रमाणपत्रों के बनने के लिए निर्धारित समय सीमा अधिकतम 10 कार्यदिवस के अंदर संबंधित व्यक्ति के इ-मेल पर प्रमाणपत्र तैयार होकर चला जायेगा।इसके साथ ही मोबाइल पर अलग से एक एसएमएस(SMS) भी जायेगा,जिसमें लिंक(LINK) दिया रहेगा।इस लिंक(LINK) पर क्लिक(CLICK) करके कोई अपने प्रमाणपत्र को डाउनलोड कर सकते हैं।
तत्काल सेवा के तहत दो दिनों में प्रमाणपत्र तैयार करके भेजने का प्रावधान है,लेकिन इसके लिए वेरिफिकेशन(VERIFICATION) भी करना होता है।अगर निर्धारित समय में यह सेवा मुहैया नहीं करायी गयी,तो इसके लिए दोषी पदाधिकारियों पर तय प्रावधान के तहत जुर्माना या अन्य कार्रवाई की जाती है।
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