वेतन के बिना गुजारा मुश्किल....डींग हांक रहे है शिक्षा मंत्री
Motihari....नये वर्ष की शुरुआत के बाद मकर संक्रांति जैसा पर्व भी बगैर वेतन के गुजर गया।लेकिन राज्य के शिक्षा मंत्री हम शिक्षकों के वेतन को लेकर डींग हांकते फिर रहे हैं।बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष श्री नवलकिशोर सिंह ने शिक्षा मंत्री के नियोजित शिक्षकों को लेकर वेतन के संबंध में दिये गये बयान पर आड़े हाथों लिया है।
श्री सिंह ने कहा कि हम सरकारी स्कूलों में बच्चों को शिक्षा,पोषण,छात्रवृत्ति व पोशाक योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ चुनाव,जनगणना व अन्य जागरुकता कार्यक्रमों के आयोजन में मुख्य भूमिका निभाते हैं।इस वजह से सिर्फ शिक्षण कार्य पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं।बावजूद हमें कभी समय से वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है। पर्व-त्योहार के मौके पर भी आवंटन के अभाव में वेतन नहीं मिल पाता है।इस स्थिति में जब हममें अपने परिवार के प्रति असुरक्षा की भावना होगी,तब हमसे गुणवत्ता पुर्ण कार्य की अपेक्षा कैसे की जा सकती है।
प्रदेश उपाध्यक्ष-बलराम राम एवम् शैयद शकील अहमद ने संयुक्त रूप से कहा कि कोरोना संकट काल में शुरू से आज तक अपनी जान जोखिम में डालकर सरकारी योजनाओं का लाभ बच्चों और उनके परिवार तक पहुंचाने का काम हम नियोजित शिक्षक कर रहे हैं।इसके बाद भी हमें नीचा दिखाने में सरकारी स्तर से कोई कोर कसर नही छोड़ी जाती है।पर जब काम लेने की बारी आती है तो हम शिक्षकों को सरकार की ही अंग बताकर फुसलाया जाता है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी-मृत्युंजय ठाकुर ने शिक्षा मंत्री के बयानो पर पलटवार करते हुए कहा कि नेताओं को अपना वेतन बढ़ाना हो तो कौन सत्ता और कौन विपक्ष में है इसका पता नहीं चलता।पर,जब हम अपने हक की बात करते हैं तो सभी राजस्व का रोना रोकर दिखावा करते हैं।
श्री ठाकुर ने पटना हाईकोर्ट के नियोजित शिक्षकों के पक्ष में दिये फैसले को अक्षरशः लागू करने की मांग की है।
Good.
ReplyDeleteयदि अशोक चौधरी को पूछ दिया जाय कि भारत मे सबसे पहले आधारकार्ड को बनवाया तो फेल हो जायेnge।
ReplyDelete