शिक्षा विभाग(बिहार सरकार) एक बड़े फैसले लेने की तैयारी मे......खासकर प्रारंभिक विद्यालयों(कक्षा-1 से 8 तक) को लेकर

8वीं तक के बच्चे को परीक्षा लिए बगैर अगली कक्षा मे प्रोमोट कर सकती है सरकार...कोरोना महामारी के कारण बड़े फैसले की तैयारी

पटना.....बीते साल आई कोरोना महामारी की वजह से स्कूली बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हुई।लम्बे दौर के बाद किसी तरह अब छठी क्लास से ऊपर के बच्चों के लिए स्कूल गाइडलाइन के तहत खोला गया है।लेकिन बच्चों की पढ़ाई नहीं होने के कारण उनकी वार्षिक परीक्षा कैसे ली जाए इसे लेकर सरकार बड़ा फैसला कर सकती है।कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ने वाले करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा बच्चों को बगैर परीक्षा के ही प्रोमोट करने की तैयारी में है।

बगैर एनुअल एग्जाम(वार्षिक परीक्षा) के छात्रों को प्रोमोट करने के फैसले पर शिक्षा विभाग गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा है।शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार और शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी भी इसे लेकर संकेत दे चुके हैं।आपको बता दें कि कोरोना वायरस से साल 2020-21 के सत्र में बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई,इसके पहले शैक्षणिक सत्र 2019-20 में भी बच्चों की वार्षिक परीक्षा नहीं ली जा सकी थी और दसवीं को छोड़कर 1 से 11 वर्ग तक के बच्चों को अगली क्लास में प्रोमोट कर दिया गया था।बिहार में 13 मार्च 2020 से कोरोना के कारण सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया था।अप्रैल महीने में मुख्य सचिव के आदेश के बाद बच्चों को अगली क्लास में प्रोमोट किया गया था लेकिन पूरे साल स्कूल में पढ़ाई नहीं हो सकी।

मार्च 2020 से बंद माध्यमिक उच्च माध्यमिक स्कूलों को नौवीं क्लास से ऊपर के बच्चों के लिए 4 जनवरी 2021 को खोला जा सका।जबकि मध्य विद्यालय में क्लास 6 से 8 तक के बच्चों के लिए स्कूल 8 फरवरी से खुले हैं।अभी भी राज्य के प्राथमिक स्कूल क्लास 1 से लेकर 5 तक के बच्चों को स्कूल आने की मनाही है।ऐसे में प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को प्रोमोट किया जाना तय है।लेकिन विभाग इस पर विचार कर रहा है कि आठवीं तक के बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाए।


Comments

  1. फिर नया नामांकित विद्यार्थी का क्या होगा?

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