शिक्षक बहाली मे बिहार पिछड़ा(10 साल मे सिर्फ 2 बार हुई TET परीक्षा)......नेशनल काउंसिल फाॅर टीचर एजुकेशन(NCTE) ने मांगा ब्यौरा


नेशनल काउंसिल फाॅर टीचर एजुकेशन(NCTE) ने बिहार समेत सभी राज्य से टीईटी(TET) के आयोजन के बारे मे पूरी जानकारी मांगी है।बिहार मे टीईटी(TET) का आयोजन अबतक केवल दो बार ही हुआ है।लेकिन जब भी टीईटी(TET) का आयोजन हुआ है।वह हमेशा विवादो मे रहा है।यहां तक की टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों को अबतक नौकरी भी नही मिल पायी है।देखिए यह खास रिपोर्ट(Report)......

पटना:नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन(NCTE) ने टीईटी आयोजन में हो रही परेशानी को लेकर जानकारियां मांगी है। बिहार में टीईटी आयोजन अब तक सिर्फ दो बार हुआ है। जबकि इसे हर साल आयोजित करना था।टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों को अब तक नौकरी भी नहीं मिल पाई है।ऐसे में एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं कि टीईटी के आयोजन और शिक्षकों की बहाली में बिहार इतना फिसड्डी क्यों है।

क्या है टीईटी से जुड़ा पूरा मामला....❓
2011 में एनसीटीई ने देश में शिक्षक पात्रता परीक्षा के जरिए शिक्षकों को नियुक्त करने का आदेश जारी किया था।इस आदेश के तहत हर राज्य को वर्ष में एक बार टीईटी का आयोजन करना था।जिसके जरिए स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति होती है।

10 साल में दो बार टीईटी का आयोजन.....
बिहार में इस नियम के तहत 2011 में पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा और माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन हुआ था।लेकिन इसके बाद जैसे सरकार इस नियम को ही भूल गई और काफी हंगामे के बाद वर्ष 2017 में दूसरी बार टीईटी का आयोजन हुआ।जबकि दूसरी माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा(STET) का वर्ष 2020 में आयोजन हुआ,जिसके रिजल्ट का इंतजार है।

शिक्षकों की बहाली में बिहार फिसड्डी......
हालांकि सीबीएसई(CBSE) हर साल 2 बार केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा(CTET) का आयोजन करता है।बैचलर इन एजुकेशन(B.ED) या डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन(D.EL.ED) करने वाले शिक्षक अभ्यर्थी ही इस पात्रता परीक्षा में बैठ सकते हैं।बिहार समेत पूरे देश में अब निजी या सरकारी स्कूल में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा क्वालीफाई करना अनिवार्य है।

अब देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चर्चा हो रही है और इसे लागू करने की तैयारी हो रही है।नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च दक्षता वाले प्रोफेशनली ट्रेंड शिक्षकों को हर स्तर पर बहाल करने की बात कही गई है।अब तक देश में 2011 के नियम के मुताबिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के जरिए ही प्राथमिक और माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों की बहाली होती रही है।लेकिन विभिन्न राज्यों में आयोजित होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर कई तरह के सवाल उठते रहे हैं।

एनसीटीई ने मांगी पूरी जानकारी....
कई बार विभिन्न कारणों से टीईटी अभ्यर्थी कोर्ट गए जहां एनसीटीई को सफाई देनी पड़ी।जानकारी के अनुसार इसमें सबसे ज्यादा मामले बिहार से संबंधित हैं। यही कारण है कि एनसीटीई ने सीबीएसई समेत देश के तमाम राज्यों से उनके यहां आयोजित होने वाली टीईटी की पूरी जानकारी मांगी है।

●15 फरवरी तक ई-मेल के जरिए जानकारी देना है।

●टीईटी परीक्षा का आयोजन कितनी बार किया गया।

●टीईटी परीक्षा के प्रश्न पत्र, प्रश्न पत्र सेट करने वाले लोगों की पूरी जानकारी।

●जितने कैंडिडेट अपीयर हुए और जितने कैंडिडेट पास हुए उनकी जानकारी।

....बिहार में कब-कब हुआ टीईटी का आयोजन....

1-पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन वर्ष 2011 में हुआ,जिसमें करीब 1.15 लाख अभ्यर्थी पास हुए।

2-माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन भी इसी वर्ष हुआ था।

3-दूसरी बार शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन वर्ष 2017 में हुआ,जिसमें 41 हजार अभ्यर्थी पास हुए।

4-दूसरी माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन वर्ष 2020 में हुआ।

''बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा पिछले 10 साल में सिर्फ दो बार आयोजित हुई है।जबकि केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक और बिहार सरकार के संकल्प के मुताबिक भी इसे हर साल आयोजित करना था। जिन लोगों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा पास की,उन्हें बिहार में नौकरी तक नसीब नहीं हुई और जब भी शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन बिहार में हुआ हर बार मामला कोर्ट तक गया,जिससे बिहार में ना सिर्फ टीईटी बल्कि टीईटी क्वालीफाई करने के बाद शिक्षकों की बहाली नहीं होने को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं''-शैलेंद्र कुमार शर्मा,वरिष्ठ सेवानिवृत्त शिक्षक

वरिष्ठ सेवानिवृत्त शिक्षक शैलेन्द्र कुमार शर्मा

वरिष्ठ सेवानिवृत्त शिक्षक शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि बिहार के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है।फिर भी टेट क्वालिफाइड शिक्षकों को नौकरी नहीं मिल रही है।इससे ज्यादा गंभीर बात क्या हो सकती है।अगर नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हर राज्य से टीईटी का ब्यौरा मांगा है,तो पहले उन्हें यह देखना पड़ेगा कि अब तक टीईटी के आयोजन में इतनी परेशानी और इसे लेकर राज्यों की अनदेखी किस हद तक जायज है।

शिक्षक अभ्यर्थी अशोक क्रांति

''टेट के जरिए शिक्षक बहाली बिहार में सरकार के ढीले रवैया के कारण नहीं हो पा रही है।परीक्षा के आयोजन से लेकर प्रश्नपत्र तक को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं''-अशोक क्रांति,शिक्षक अभ्यर्थी

प्रोफेसर डीएम दिवाकर

सरकार ऑन रिकॉर्ड यह साबित करना चाहती है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा के जरिए राज्यों ने बहाली की प्रक्रिया पूरी नहीं की।जिसके बाद नई शिक्षा नीति के तहत इस प्रक्रिया को भी निजी हाथों में दे दिया जाएगा''प्रोफेसर डीएम दिवाकर

इस बारे में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि एनसीटीई ने जो जानकारी मांगी है,उस पत्र की समीक्षा की जा रही है और समीक्षा के बाद विभाग की तरफ से इस पत्र का जवाब दिया जाएगा।


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