माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों मे रिटायर्ड शिक्षकों की सेवा लेने के सरकार के फैसले का विरोध शुरू.....शिक्षक संघ ने सरकार के उक्त निर्णय/फैसले पर जतायी आपत्ति

लाखों ट्रेंड अभ्यर्थियों के रहते हुए माध्यमिक एवम उच्च माध्यमिक विद्यालयों मे रिटायर्ड शिक्षकों की सेवा लेना सरकार की गलत एवम् असंवैधानिक नीति:-बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ(BPPSS)

बिहार के सरकारी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों मे रिटायर्ड शिक्षकों की सेवा लेने के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर सरकार की सैद्धांतिक सहमति के बाद B.ED पास लाखों अभ्यर्थी के बीच असमंजस की स्थिति देखी जा रही है साथ ही सरकार के इस फैसले से उनमे भारी आक्रोश पनप रहा है।
सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को लेकर बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष-नवलकिशोर सिंह ने शिक्षा विभाग के उक्त प्रस्ताव को दुर्भाग्यपूर्ण एवम् असंवैधानिक बताया है।उन्होने कहा है कि राज्य मे लाखों प्रशिक्षित अभ्यर्थी शिक्षक बहाली की राह देख रहे है लेकिन सरकार उनकी बहाली करने के बजाय माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय मे रिटायर्ड शिक्षक की सेवा लेने के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को हरी झण्डी दे दी है जो कही से भी न्यायोचित नही है।
     श्री सिंह ने कहा कि अगर बिहार सरकार(शिक्षा विभाग) अविलंब अपने फैसले को वापस लेते हुए राज्य के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों मे एसटीईटी(STET) पास प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की बहाली नही करती है तो सरकार एक बड़े आंदोलन को झेलने के लिए तैयार रहे।

प्रदेश उपाध्यक्ष-बलराम राम एवम शैयद शकील अहमद ने संयुक्त रूप से कहा कि लाखों ट्रेंड अभ्यर्थियों के रहते हुए सरकार का उक्त निर्णय सही नही है।सरकार ने माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए 36 हजार से अधिक रिक्तियों के विरुद्ध शिक्षक पात्रता परीक्षा(STET) आयोजित की थी जिसका रिजल्ट अभी लंबित है।एसटीईटी के रिजल्ट के बाद लाखों B.ed कर चुके अभ्यर्थी बिहार के हाईस्कूल मे शिक्षक बनने योग्य हो जाऐंगे।बावजूद रिटायर्ड शिक्षकों की सेवा लेना लाखों एसटीईटी पास अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड है जो कही से भी उचित नही है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी-मृत्युंजय ठाकुर ने सरकार द्वारा लिए गए फैसले पर आपत्ति दर्ज करते हुए साथ मे आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि अगर बिहार सरकार को रिटायर्ड शिक्षकों की ही सेवा माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों मे लेनी थी तो एसटीईटी(STET) परीक्षा आयोजित ही नही करनी चाहिए थी।अगर एसटीईटी(STET) परीक्षा सरकार ने ली है तो अविलंब लंबित रिजल्ट को जारी करते हुए लाखों B.ED पास एसटीईटी अभ्यर्थियों के साथ न्याय करते हुए उन्हे माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों मे बहाल(नियुक्त) करे।
       श्री ठाकुर ने माननीय मुख्यमंत्री-नीतीश कुमार एवम् शिक्षा मंत्री-विजय कुमार चौधरी जी से आग्रह किया है कि यथाशीघ्र अपने फैसले को बदलते हुए एसटीईटी के लंबित रिजल्ट को जारी करते हुए ट्रेंड अभ्यर्थियों की नियुक्ति माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों मे करे ताकि उनके साथ उचित न्याय हो सके अन्यथा लाखों अभ्यर्थी एक बड़े आंदोलन के लिए तैयार है जिसकी जवाबदेही सीधे-सीधे आपलोगों की होगी।

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