शिक्षा विभाग(बिहार सरकार) से बड़ी खबर....अरबों रुपए के घोटाले को लेकर निदेशक प्राथमिक शिक्षा-डाॅ.रंजीत कुमार सिंह ने सभी DEO को दिया तीन दिनो का अल्टीमेटम

पटनाःबिहार में एसी डीसी बिल को लेकर पहले भी कई बार हंगामा हो चुका है. एक बार फिर शिक्षा विभाग की अरबों की राशि को लेकर बेचैनी बढ़ी है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने इस बार जिला शिक्षा पदाधिकारियों को अल्टीमेटम दिया है कि वे लेखा-जोखा दें।ऐसा नहीं करने पर वे कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

दिया 3 दिन का अल्टीमेटम.....
बिहार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ.रणजीत कुमार सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को 3 दिन में एसी डीसी कोषांग बनाकर इसकी सूचना उपलब्ध कराने का अल्टीमेटम दिया है। प्राथमिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2002-03 से लेकर वर्ष 2019-20 तक विभिन्न मदों में खर्च की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का आदेश दिया है।
जिलेवार सूची

दिया गया था डीसी कोषांग बनाने का निर्देश....
मामले में गंभीर वित्तीय अनुशासनहीनता को लेकर जनहित याचिका भी दायर हो चुकी है। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी जिलों में एसी डीसी कोषांग बनाने का निर्देश दिया था।लेकिन अब तक किसी भी जिले में कोषांग बनाए जाने की सूचना भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसे देखते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने 3 दिनों में इसकी पूरी सूचना मांगी है।

21 फरवरी को होगी समीक्षा.....
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने लिखा है कि विभाग की सभी लंबित एसी डीसी बिल 15 फरवरी तक महालेखाकार के पास जमा होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने 20 फरवरी तक सभी उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कराने के निर्देश दिए हैं। 21 फरवरी को इस मामले की समीक्षा होगी और ढिलाई बरतने वाले दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

क्या है मामला....
बता दें कि यह पूरा मामला करीब 6 अरब रुपये के खर्च का है,जो वर्ष 2002-03 से वर्ष 2019-20 तक शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं जैसे पोशाक, छात्रवृत्ति,वेतन, साइकिल, प्रोत्साहन, परिभ्रमण और भवन निर्माण में खर्च किए गए हैं।


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