अप्रशिक्षित शिक्षकों को हटाने संबंधित आदेश पर High Court द्वारा रोक लगाने पर शिक्षक संघ ने जताया उच्च न्यायालय के प्रति आभार......
D.El.Ed न करने वाले शिक्षकों को हटाने पर रोक का स्वागत:-बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ(BPPSS)
शिक्षक नेताओं ने कहा कि सरकार के तुगलकी फरमान पर हाईकोर्ट का रोक लगाने का निर्णय स्वागत योग्य है
पटना.....
05-02-2021
अप्रशिक्षित शिक्षकों को नौकरी से हटाए जाने के सरकार के निर्णय पर उच्च न्यायालय,पटना ने रोक लगा दी है।हाईकोर्ट ने अपने फ़ैसले मे ऐसे शिक्षक जिन्होंने अपना प्रशिक्षण 31 मार्च 2019 तक पूरा नही किया है,वैसे शिक्षकों को हटाने पर रोक लगाई है।
HIGH COURT पटना के इस निर्णय से बिहार के 15000 से ज्यादा शिक्षकों मे खुशी की लहर है।सभी शिक्षकों ने इस निर्णय का तहे दिल से स्वागत किया है क्योंकि शिक्षा विभाग,बिहार सरकार द्वारा ऐसे शिक्षकों को नौकरी से हटाने की तैयारी चल रही थी।ऐसे शिक्षकों ने उच्च न्यायालय,पटना(HIGH COURT) के निर्णय आने पर राहत की सांस ली है।
बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ(BPPSS) के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष-श्री नवलकिशोर सिंह ने उच्च न्यायालय के निर्णय को लेकर कहा कि यह शिक्षकों की जीत है।उन्होंने कहा कि विद्यालय मे योगदान देने के बाद शिक्षकों को एक तय समय सीमा के अंदर प्रशिक्षण दिलवाना था लेकिन बिहार सरकार के लचर व्यवस्था के कारण वह पूरा नही हो सका।
श्री सिंह ने कहा कि सरकार अपनी विफलता को छुपाने के लिए बराबर शिक्षकों को तरह तरह के हथकंडे अपनाकर प्रताड़ित करती है जो कही से भी न्यायोचित नही है।
अगर सरकार अपने इस हरकत से बाज नही आएगा तो इसका खामियाजा भुगतने के लिए बिहार सरकार को तैयार रहना होगा।
प्रदेश उपाध्यक्ष-बलराम राम एवम् शैयद शकील अहमद ने संयुक्त रुप से कहा कि अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था सरकार की जिम्मेवारी थी जोकि वैसे शिक्षकों की बहाली के बाद दो वर्ष के प्रशिक्षण की व्यवस्था सरकार तय समय सीमा मे पूरा नही कर सकी।इसमे संबंधित शिक्षकों का क्या दोष।इन समस्याओं के कारण शिक्षकों को आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी-मृत्युंजय ठाकुर ने उच्च न्यायालय,पटना के न्याय निर्णय पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए उक्त निर्णय का तहे दिल से स्वागत करते हुए कहा कि यह जीत संबंधित शिक्षकों की जीत है जो सरकार के गलत नीतियों के कारण अबतक कतिपय कारणों से अप्रशिक्षित का दंश झेल रहे है।
श्री ठाकुर ने बिहार सरकार से मांग किया कि यथाशीघ्र भारत सरकार से प्रशिक्षण पूर्ण करने वाली बाध्यता जोकि 31 मार्च 2019 है को निरस्त करवाते हुए समय सीमा बढाते हुए 2025 तक करवायी जाए ताकि इस बीच वैसे सभी शिक्षक प्रशिक्षित हो सके जो कतिपय कारणों से अप्रशिक्षित है या जिनका प्रशिक्षण पूर्ण होने के उपरांत रिजल्ट क्लियर नही है या अन्य जो भी कारण हो।
Case no of court order for untrained teacher
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