Breaking News:नियोजित शिक्षक भी बन सकेंगे सरकारी टीचर ट्रेनिंग कॉलेज मे लेक्चरर...हाईकोर्ट ने दिया बड़ा आदेश-----niyojit teachers can be a lecturers in government.teachers training colleges
हाईकोर्ट के फैसले से मिला सुनहरा मौका
● सरकारी टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों मे नियोजित शिक्षक भी बनेंगे लेक्चरर
● हाईकोर्ट ने विवाद सुलझाया,60 दिनों मे रिजल्ट प्रकाशित करने का भी दिया आदेश
● 2016 मे सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों मे व्याख्यताओं की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी
पटना.....सरकारी विद्यालय मे कार्यरत नियोजित शिक्षकों को पटना हाईकोर्ट ने सुनहरा मौका दिया है।पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को अजय कुमार एवम अन्य द्वारा दायर याचिका को निष्पादित करते हुए कहा कि नियोजित शिक्षक भी अब बिहार के ट्रेनिंग कॉलेजों मे व्याख्याता बन सकते है।इसके साथ ही अदालत ने इससे संबंधित याचिकाओं को निष्पादित करते हुए दो महीने के भीतर नियोजित शिक्षकों के पात्रता परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित करने का आदेश दिया है।यह आदेश न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने दिया।याचिकाकर्ताओं के वरीय अधिवक्ता पी.के शाही ने बिहार शिक्षा सेवा संवर्ग नियमावली-2014 और विज्ञापन संख्या:06/2016 के अनुरुप नियोजित शिक्षकों को लेक्चरर के पद पर नियुक्ति के लिए दलील दी थी,जिसमे अदालत ने सहमति जताई दी।
2016 मे सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानो मे व्याख्याताओं की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी।शिक्षा विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग(BPSC) द्वारा सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था,जिसके लिए बिहार सरकार ने विद्यालयों मे न्यूनतम 3 वर्षों से कार्यरत शिक्षकों से आवेदन मांगा था।विज्ञापन और प्राप्त आवेदनों के आधार पर आयोग द्वारा लगभग दो वर्षों बाद 2018 मे लिखित परीक्षा ही ली गई थी।मगर लिखित परीक्षा के बाद शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने बिहार लोक सेवा आयोग को पत्र लिखकर नियोजित शिक्षकों को इस दायरे से बाहर करते हुए परिणाम घोषित करने को कह दिया।शिक्षा विभाग के इस आदेश के खिलाफ पटना हाईकोर्ट मे कई याचिकाएं दायर की गई थी।अदालत ने शिक्षा विभाग के इस निर्णय को सही नही पाते हुए प्रधान सचिव के पत्र को निरस्त कर दिया।कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों की पात्रता को सही ठहराया और दो महीने के अंदर परीक्षा के परिणाम को भी प्रकाशित करने का आदेश दिया।
राज्य मे 66 टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज है।नई शिक्षा नीति 1986 मे लागू होने के बाद जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान अस्तित्व मे आ गया।1990 के दशक मे लगभग सभी संस्थानो पर ताला लटक गया था।प्रदेश मे 2012 मे सभी बंद पड़े शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानो को खोल दिया गया और इन्ही संस्थानों से योग्य शिक्षको की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई थी।
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