कोरोना(covid-19) के बढ़ते प्रकोप का हवाला देकर विद्यालय बंद करना गरीब/वंचित समाज के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़।।शिक्षक संघ ने सरकार के इस फैसले पर जताई आपत्ति

  कोरोना(covid-19) रोकने का सरकार का दवा हवा हवाई.....

स्कूल बंद करने के सरकार के निर्णय का बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ(BPPSS) करता है विरोध

●संघ के प्रदेश अध्यक्ष-नवलकिशोर सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष-बलराम राम एवम शैयद शकील अहमद तथा मीडिया प्रभारी-मृत्युंजय ठाकुर ने सरकार के इस फैसले पर जताई आपत्ति
                        
पटना....भाजपा-जदयू गठबंधन(NDA) की सरकार बिहार में कोरोना रोकने के लिए एहतियाति उपाय करने में पूरी तरह विफल हो गई है।प्रत्येक विद्यालय में विद्यार्थी को मास्क का वितरण हो या फ्रांट वर्कर के तौर पर बतौर शिक्षकों को कोरोना  का टीकाकरण अभियान।हर मोर्चे पर NDA सरकार पर विफल रही है और आंकड़ो का खेल ऐसे खेल रही है जैसे सरकार के विफलता को कोई जानता ही नही है।
       बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ (BPPSS) के प्रदेश अध्यक्ष-नवलकिशोर सिंह  ने बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्कूल,काॅलेज और कोचिंग संस्थान को बंद करने के आदेश का कड़ा निन्दा करते  है और साथ ही उन्होने सरकार से मांग किया है कि पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ शिक्षण संस्थान को खोला जाये।गरीब/वंचित/पिछड़े समाज के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।युद्ध स्तर पर सभी शिक्षक एंव नामकिंत विद्यार्थीयों को कोरोना का टीकाकरण सुनिश्चित करवायी जाये।
     प्रदेश उपाध्यक्ष-बलराम राम एवम शैयद शकील अहमद ने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार को स्कूल,कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान बंद करने के बजाय उसे कड़ी सुरक्षा मुहैया करवाते हुए खुले रखना चाहिए क्योंकि पिछले एक साल से बच्चो की पढ़ाई बाधित रही है और जैसे ही अभी पढ़ाई शुरू हुई पुनः बंद करने का आदेश।
      प्रदेश उपाध्यक्ष द्वय ने बिहार सरकार से अनुरोध किया कि पूरी सुरक्षात्मक उपाय करते हुए राज्य के बच्चों के भविष्य को देखते हुए अब आगे शिक्षण कार्य बंद न करें अन्यथा गरीब समाज के बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा जिसकी भरपाई करना बहुत मुश्किल काम होगा।
        प्रदेश मीडिया प्रभारी-मृत्युंजय ठाकुर  ने कहा कि सरकार जल्दबाजी मे फैसला लेकर वंचित समाज/वर्ग के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है जो कहीं से भी न्यायोचित नही है।अमीरों के बच्चे तो अपनी पढ़ाई घर पर ट्यूशन के माध्यम से करते हुए अपने कोर्स को पूरा करते है वहीं दूसरी तरफ गरीब के बच्चों की पढ़ाई शैक्षणिक गतिविधि बंद होने से बैकफुट पर चली जाती है।
       श्री ठाकुर ने बिहार सरकार के अगुवा माननीय मुख्यमंत्री-श्री नीतीश कुमार से अनुरोध/आग्रह किया कि शैक्षणिक कार्य बंद करने के बजाय सरकार कुछ ऐसा कार्य करे कि बच्चों की सुरक्षात्मक उपाय के साथ विद्यालय खुले रहे और पठन-पाठन सुचारू रूप से चलता रहे।
      साथ ही श्री ठाकुर ने सरकार को 5 अप्रैल से सभी प्राथमिक,मध्य,माध्यमिक विद्यालयों मे शुरू होनेवाली कैच-अप कोर्स की ओर ध्यानाकृष्ट करवाते हुए कहा कि कैच-अप कोर्स की सभी मैटेरियल तैयार हो चुकी है जिसमे सरकार को करोड़ो रूपए खर्च करने पड़े होंगे।अगर समय रहते कैच-अप कोर्स को शुरू नही किया गया तो सरकार को नुकसान तो होगा ही लेकिन उससे ज्यादा नुकसान गरीब तबके के वैसे बच्चों को होगा जिनका पढ़ाई विगत एक वर्ष तक बंद रहा है।
       अंत मे श्री ठाकुर ने उम्मीद जताई कि सरकार बच्चों के भविष्य को ध्यान मे रखते हुए ही अगला निर्णय लेगी तथा जल्द से जल्द कैच-अप कोर्स सभी विद्यालयों मे शुरू होगी।

Comments

  1. क्या कैच अप कोर्स का सामग्री विद्यालय पहुंच चुका है।

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  2. आपके हिसाब से बच्चों की जान से बढ़कर स्कूल का खुलना है।

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    1. अगर सरकार सभी सुरक्षात्मक व्यवस्था करके विद्यालय खोलती है तो इसमे दिक्कत क्या है

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  3. कड़ी व्यवस्था के साथ विद्यालय खुलनी चाहिए।

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  4. कड़ी व्यवस्था के साथ विद्यालय खुलनी चाहिए

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  5. Election ke samay to corona khatam ho jata hai, corona sirf school me hi aata hai kya?

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    1. सरकार की मंशा कुछ ऐसा ही लगता है

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