ब्रेकिंग न्यूज:-वैश्विक महामारी कोरोना के बीच आर्थिक संकट से जुझ रहे है बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षक ।। सरकार के संवेदनहीन रवैया पर शिक्षक संघ ने जताई आपत्ति.....niyojit teacher is suffering from economical problem in covid-19
वैश्विक महामारी कोरोना के बीच शिक्षकों के वेतन मद(SSA एवम GOB) की राशि अबतक जिलावार न भेजना राज्य सरकार का शिक्षकों के प्रति संवेदनहीन/उदासीन रवैया....
मोतिहारी.....बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ(BPPSS) के कार्यकारी अध्यक्ष-नवलकिशोर सिंह ने बयान जारी कर कहा कि वर्तमान समय मे पूरे देश मे वैश्विक महामारी कोरोना ने जिस तरह अपना उग्र रूप अख्तियार किया है वह काॅफी भयावह है।इस खतरनाक महामारी से अपना बिहार भी अछूता नही है।प्रतिदिन मौत का आंकड़ा बढ़ते जा रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि इस वैश्विक महामारी कोरोना ने हमारे कितने साथियों को अपने आगोश मे ले लिया जिससे उनकी असामयिक निधन हुई।अबतक लगभग सैकड़ो शिक्षक कोरोना की वजह से अपनी जान गवां चुके है और कई अब भी अपने जीवन-मौत से जुझ रहे है लेकिन बिहार सरकार को राज्य के चार लाख नियोजित शिक्षकों की तनिक भी चिंता नही है।
प्रदेश उपाध्यक्ष-बलराम राम एवम शैयद शकील अहमद ने संयुक्त रूप से कहा कि सूबे के शिक्षकों को तीन माह से वेतन नही मिला है जिससे उनके समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है।बिना पैसे के अपना या परिवार का समुचित ईलाज तक नही करा पा रहे है।
नेता द्वय ने राज्य सरकार से मांग किया कि यथाशीघ्र SSA एवम GOB मद से वेतन पाने वाले शिक्षकों का आवंटन जिलावार उपलब्ध करवायी जाए ताकि शिक्षकों के समक्ष आर्थिक समस्या न आए।
प्रदेश मीडिया प्रभारी-मृत्युंजय ठाकुर ने वैश्विक महामारी कोरोना से ग्रसित होकर असामयिक मृत शिक्षकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अगर सरकार ससमय वेतन की राशि जिलावार भेजी रहती तो बहुतों साथी समुचित ईलाज के साथ आज हमारे बीच रहते।
श्री ठाकुर ने सरकार के उदासीन रवैया को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि बिहार सरकार शिक्षकों की समुचित सुरक्षा का ख्याल रखते हुए तत्काल पूर्णरूपेण विद्यालयों को बंद कर 33% उपस्थिति को शिथिल करे ताकि राज्य के चार लाख नियोजित शिक्षक अपने परिवार के साथ सुरक्षित रह सके।वर्तमान समय मे दूर-दराज के शिक्षक पब्लिक ट्रांसपोर्ट के माध्यम से विद्यालय जाने को विवश है जहां संक्रमण बढ़ने का खतरा ज्यादा है।
श्री ठाकुर ने बिहार सरकार से मांग किया कि वैश्विक महामारी कोरोना की चपेट मे आकर जान गवां चुके शिक्षकों के आश्रृत को तत्काल 3000000₹(तीस लाख रुपए) तथा सरकारी नौकरी दिया जाए।
सिर्फ़ पेपर बाजी हो रहा कब से ,पर सरकार कुछ नही कर रही है , हमारे शिक्षक मर रहे हैं
ReplyDeleteशिक्षक संघ का काम है आवाज उठाना....
Deleteबाद बाकी इस संवेदनहीन सरकार से क्या अपेक्षा
ये सरकार शिक्षक विरोधी है।
ReplyDeleteबिल्कुल सही बात
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