Big News:नई प्रधानाध्यापक नियमावली को लेकर शिक्षक संघ मे सरकार के प्रति आक्रोश ।। न्यायालय मे उक्त नियमावली को चुनौती देने की तैयारी......teacher association is frustrated by new head Master niyamavali
प्रारंभिक व माध्यमिक विद्यालयों मे बीपीएससी(BPSC) के माध्यम से परीक्षा लेकर प्रधान शिक्षक एवम प्रधानाध्यापक की बहाली करने का प्रावधान पूर्व से कार्यरत शिक्षकों के साथ धोखा:-बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ(BPPSS)
●सरकार यथाशीघ्र प्रधानाध्यापक नियमावली को निरस्त कर पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को प्रोन्नति देते हुए उक्त पद पर दे मौका-नवलकिशोर सिंह(कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष)
●अगर सरकार अपना निर्णय नही बदलती है तो संघ बाध्य होकर उक्त नियमावली को न्यायालय मे देगा चुनौती-बलराम राम एवम शैयद शकील अहमद
●सभी शिक्षक इस मुद्दे पर एकजुटता बनाए रखे,आवश्यकता पड़ने पर सरकार से होगी आर-पार की लड़ाई-मृत्युंजय ठाकुर
पटना...........बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ(BPPSS) ने प्रधान शिक्षक/प्रधानाध्यापक नियमावली का जमकर विरोध किया है।
संघ के कार्यकारी अध्यक्ष-नवलकिशोर सिंह ने बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार ने दिनांक:17-08-2021 को अपनी मंत्रिमंडल की बैठक मे केन्द्र के अनुरूप बिहार के राज्यकर्मियों के लिए भी महंगाई भत्ते मे 11% की बढ़ोतरी करते हुए कुल महंगाई भत्ता 28% देने का निर्णय किया है जो स्वागत योग्य है लेकिन इसी बैठक मे सरकार ने प्रारंभिक एवम माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों मे प्रधान शिक्षक व प्रधानाध्यापक की नियुक्ति शिक्षकों के बीच से वरीयता के आधार पर न करके प्रतियोगिता परीक्षा(BPSC) के आधार पर जो करने का निर्णय लिया है उससे शिक्षको के प्रति सरकार के मंशा का पता चलता है।
अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों के संदर्भ मे इतना बड़ा निर्णय लेने के पूर्व शिक्षक संघों के प्रतिनिधियों से कोई राय भी नही ली।यह निर्णय एकबार फिर से शिक्षकों को परेशानी मे डालने वाला है।
श्री सिंह ने कहा कि इस निर्णय मे एक तरह से वरीय शिक्षकों की वरीयता की तथा शिक्षा के क्षेत्र मे उनके द्वारा लंबे समय मे हासिल किए गए अनुभवों की उपेक्षा करता हुआ प्रतीत होता है।साथ ही प्राइवेट विद्यालय के शिक्षकों को भी उक्त परीक्षा मे सामिल करने का प्रावधान किया गया है जो सरकारी स्कूल के शिक्षक के साथ स्पष्ट धोखाधड़ी है,जिसका प्रतिकूल असर शिक्षण कार्य पर भी पड़ेगा।
प्रदेश उपाध्यक्ष-बलराम राम एवम शैयद शकील अहमद ने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार 15% बढ़ोतरी अबतक नही कर सकी है लेकिन प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली का पत्र इतनी जल्दी कैसे निकाली।आज सरकार का दिल इतना बड़ा कैसे हो गया और सरकार के कर्मचारियों मे इतनी फूर्ती कहां से आ गई।
प्रदेश मीडिया प्रभारी-मृत्युंजय ठाकुर ने सरकार के इस प्रधानाध्यापक नियुक्ती नियमावली को पूर्व से कार्यरत शिक्षकों के साथ धोखा/छलावा बताया।
श्री ठाकुर ने उक्त नियमावली को लेकर कहा कि सरकार पहले शिक्षक नियमावली-2020 के आधार पर स्नातक प्रोमोशन देते हुए 50% सीटों पर प्रधानाध्यापक का पद भरे फिर बाकी के 50% पर जैसे चाहे वैसी भर्ती करे।
श्री ठाकुर ने कहा कि 15% वेतन वृद्धि पर से ध्यान भटकाने हेतु एचएम बहाली भाया बीपीएससी से कराने को लेकर प्रोपगेंडा सरकार द्वारा चलाया जा रहा है।यथाशीघ्र अगर सरकार उक्त प्रधानाध्यापक नियमावली को निरस्त कर पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को 50% सीटों पर प्रोन्नत करते हुए प्रधानाध्यापक नही बनाती है तो संघ बाध्य होकर न्यायालय की शरण मे उक्त प्रधानाध्यापक नियमावली को चुनौती देने के लिए तैयार है।
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