Big News:बोरा बेचने के कारण शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक तमीजुद्दीन पर किया गया कार्यवाई घोर निंदनीय ।। शिक्षक संघ ने विभाग के फैसले पर जताया आक्रोश

बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ(BPPSS) के कार्यकारी अध्यक्ष-नवलकिशोर सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष-बलराम राम एवम शैयद शकील अहमद ने बोरा बेचने पर कटिहार के शिक्षक तमीजुद्दीन पर हुए विभागीय कार्रवाई पर बयान जारी कर कहा कि यह बहुत ही दुःखद और निराशा की स्थिति है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने ही आदेश के अनुपालन में भ्रम के शिकार हैं और नतीजा निरीह शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है।
ज्ञातव्य है कि मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक के पत्रांक-983,दिनांक-22.07.21 के आलोक में यह आदेशित किया जाता है कि सत्र 2014-15 और 2015-16 के लिए उनके कार्यालय से जारी पत्रांक-1020,दिनांक-08.06.2016 और पत्रांक-2243,दिनांक-26.12.2016 के अनुसार चावल के बोरा से प्राप्त आय के नहीं मिलने से सरकारी राजस्व की हानि हो रही है।इस पत्र के बिन्दु संख्या 2 मे स्पष्ट वर्णन किया गया है कि खाली बैग को 10 रुपये पीस के दर से बेच कर राशी को सरकारी खजाने के लिए प्राप्त किया जाय।

अब,इस आदेश के अनुपालन के लिए बोरा बेचना नितान्त आवश्यक कार्य था और क्षतिग्रस्त (जो कि स्वाभाविक है कि हैंडलिंग या स्टोरेज के दौरान हो सकता है) बोरा,कोई विद्यालय से आकर नहीं खरीदकर जाएगा और ना ही सरकार ने किसी एजेंसी को इसके लिए चिन्हित किया था।यह कार्य पूरी तरह से हेड मास्टर या प्रभारी के ऊपर है कि वो बोरा का पैसा किसी भी तरह से जमा करे, ये भी निर्देशित नहीं किया गया था कि कैसे बेचना है।
 ऐसे में कटिहार जिले के शिक्षक मोo तमीजुद्दीन निदेशक महोदय के आदेश का पालन कर रहे थे एवम उसे बेचने की हरसंभव कोशिश ही कर रहे थे। उन पर आनन फानन में रविवार के दिन विशेष सचिव,शिक्षा विभाग सह निदेशक मध्याह्न भोजन योजना के द्वारा कार्रवाई का आदेश निर्गत किया जिस पर उसी दिन आनन फानन में जिला शिक्षा पदाधिकारी भी रविवार को ही चिट्ठी जारी करते हैं और उसी दिन 08.08.21 को ही ग्राम पंचायत के सचिव के द्वारा चिट्ठी निकाल कर निलम्बित करने की जो रॉकेट के रफ्तार जैसी तेजी दिखाई गई। ऐसा उदाहरण दूसरा नहीं दिखता। सरकारी अधिकारियों ने न जाने कितने मुद्दे जो शिक्षक हित के हैं, माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा आदेशित मुद्दे भी हैं जिन्हें ठंढे बस्ते में डाल रखा है और कई महीने ही नहीं, कई वर्ष बीत जाने पर भी उस पर कोई पत्र तक जारी नहीं करते हैं वहीं दूसरी ओर,उन्हीं अधिकारियो द्वारा शिक्षको को कर्तव्य पालन में अपने विवेक का इस्तेमाल करने मात्र के लिए दण्डित करने का अद्वितीय उदाहरण पेश किया है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी-मृत्युंजय ठाकुर ने सरकार के इस तानाशाही रवैया पर आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि अगर सरकार ऐसी तेजी शिक्षकों के हित के मुद्दे पर दिखाती तो कई लम्बित समस्याओं का निपटारा हो गया रहता लेकिन सरकार इससे इतर अपने ही आदेश में भ्रमित हो कर शिक्षकों को दण्डित करने का कुचक्र रचती है जिसका ताजा उदाहरण कटिहार के शिक्षक तमीजुद्दीन है।

  श्री ठाकुर ने कहा कि विभाग अगर शीघ्र ही अपने आदेश की समीक्षा करते हुए जल्द से जल्द मोo तमीजुद्दीन का निलम्बन वापस नहीं करेगी तो संगठन बाध्य होकर आंदोलन का रास्ता इख़्तेयार करेगी।

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