बिना वेतन के अंधेरे मे दिवाली मनाने को विवश है सूबे के शिक्षक


बिन वेतन अंधेरे मे मनेगी नियोजित शिक्षकों की दिवाली।  

सरकार कर रही है सूबे के शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार।  

बहुत दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि इसबार सरकार के गलत रवैया के कारण सूबे के नियोजित शिक्षकों की दिवाली अंधेरे मे बितने को तैयार है।
  
     वेतन के अभाव मे तमाम शिक्षक भारी तनाव से गुजर रहे है और गुजरे भी क्यों नही आखिर सरकार ने इनके साथ छल जो कर दिया है।एक माह पहले आवंटन को पेपरबाजी करवाकर शिक्षकों के साथ एक घोर मजाक जो बना दिया।

    हाल फिलहाल एक पत्र जारी हुआ जिसमे यह उल्लेख किया गया कि 20 अक्टूबर तक हरहाल मे अक्टूबर माह तक वेतन भुगतान कर देना है लेकिन जिला मे आवंटन का कोई अता पता भी नही।
   अरे भाई!बिना आवंटन के भुगतान कैसे संभव है।

सरकार के इस रवैये से तमाम शिक्षक संघ एवं शिक्षकों मे भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।

वहीं परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ  के प्रदेश मीडिया प्रभारी मृत्युंजय ठाकुर  कहते हैं कि इस दर्द को बयां करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि बिहार के नियोजित शिक्षक किन परिस्थितियों में अपने कर्तव्य को अंजाम देते हैं। उनसे पूछकर देखिए। कई महीने का वेतन बकाया हो जाता है। बाजार में निकलना मुश्किल हो जाता है। बाजार से उधार उठाकर शिक्षक अपना काम चलाते हैं। कभी भी समय पर वेतन का भुगतान नहीं होता। ससमय वेतन आ जाए, तो इससे बड़ी खुशी की बात क्या होगी। राज्य सरकार की घोषणा अलग बात है। पैसा एकाउंट में आ जाए तब हमें विश्वास होगा।

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