पाठ्यक्रम पर दिखेगी स्थानीयता की छाप... ■ एससीईआरटी की ओर से बिहार के 43 डायट और 1.20 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों से भी मांगा गया सुझाव।


नई शिक्षा नीति....  

पाठ्यक्रम पर दिखेगी स्थानीयता की छाप...  

एससीईआरटी की ओर से बिहार के 43 डायट और 1.20 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों से भी मांगा गया सुझाव।   

पटना.... नई शिक्षा नीति के तहत राज्य स्तर पर पाठ्यक्रम कैसा हो..❓️ राज्य स्तर के स्कूलों मे क्या-क्या सिखाया जाए..❓️इसको लेकर सभी राज्यों के शिक्षण संस्थानों से सुझाव मांगे गये हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद(एनसीईआरटी) ने सभी राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद(एससीईआरटी) को पत्र लिखकर सुझाव देने को कहा है।

     यहीं नही एनसीईआरटी ने राज्य भर के 43 डायट, 1 लाख 20 हजार आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाओं,प्राथमिक शिक्षक,सभी जिलों के डीपीओ और राज्य भर के सभी बीईओ से सुझाव मांगा है। दस दिनों के अंदर सुझाव एससीईआरटी को भेजने को कहा गया है। नई शिक्षा नीति 2020 के लिए स्थानीय स्तर पर नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2022 को तैयार किया जाना है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा इसकी जिम्मेवारी एनसीईआरटी को दी गई है। अब एनसीईआरटी द्वारा सभी राज्यों से स्थानीय स्तर पर समीक्षा की जाएगी।

     ऐसे मे बिहार के विभिन्न शिक्षण संस्थानों द्वारा स्थानीय परिप्रेक्ष्य मे समीक्षात्मक सुझाव मांगा गया है। एनसीईआरटी सूत्रों की माने तो हर राज्य मे शिक्षा की व्यवस्था अलग-अलग है। ऐसे मे फ्रेमवर्क तैयार करने मे राज्य स्तर पर शैक्षणिक व्यवस्था का ख्याल रखा जाएगा। इसको लेकर सभी राज्यों से स्थानीय स्तर पर सुझाव मांगे गए हैं। जिससे सभी राज्य के अनुसार करिकुलम तैयार किया जा सके।


➡️ 300 पेज का दस्तावेज सुझाव के लिए भेजा....
एनसीईआरटी द्वारा सभी राज्यों को तीन सौ पेज मे राष्ट्रीय शिक्षा नीति दस्तावेज भेजा गया है।इसमे स्थानीय परिप्रेक्ष्य मे संस्थानों के सामने अंकित बिन्दु पर सभी संस्थान अपना सुझाव देंगे।इसमे डायट,आंगनबाड़ी केंद्र,प्राथमिक शिक्षक आदि के लिए अलग-अलग बिन्दु अंकित किए गए हैं।

" सभी डायट, आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ प्राथमिक शिक्षक,डीईओ,डीपीओ आदि से सुझाव मांगे गए हैं।दस दिनों के अंदर सुझाव की कॉपी भेजनी है।सभी संस्थान कार्यशाला आयोजित कर सुझाव लेंगे।
             सज्जन आर.
      निदेशक, एससीईआरटी 


    

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