खेलकूद को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाने को नीतिगत कार्ययोजना तैयार। ।।एनसीईआरटी ने तैयार किया प्रारूप।।


खेलकूद को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाने को नीतिगत कार्ययोजना तैयार।  

पटना.... राज्य मे आने वाले दिनों मे सरकारी स्कूलों मे गणित और विज्ञान विषय मे कमजोर बच्चें खिलौने से गणित एवं विज्ञान विषय की पढ़ाई करेंगे।

      राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान परिषद(एनसीईआरटी) द्वारा तैयार खिलौना आधारित पाठ्यक्रम की प्रति राज्य सरकार को मिल गई है।

     इसे राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद(SCERT) की टीम देख रही है।खिलौने से बच्चों की पढ़ाई को जोड़ने का मतलब स्कूली शिक्षा को रूचिकर बनाना है।

    इसमे केन्द्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने देश मे बने एवं भारतीय मानक ब्यूरो से प्रमाणित खिलौनों को शामिल करने का सुझाव दिया है।खिलौनों से वैसे बच्चों की भी पढ़ाई के प्रति रूचि जाएगी,जिन्हे पढ़ने मे मन नही लगता।खिलौनों से बच्चे उन विषयों की पढ़ाई करेंगे,जो उन्हे बोझिल लगता है।

      इससे इतर राज्य के सरकारी स्कूलों मे खेलकूद को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाने के लिए नीतिगत कार्ययोजना बनी है
यह कार्ययोजना बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक असंगबा चुबा आओ के दिशा-निर्देश मे बनी है।इसे मंत्री स्तर पर विमर्श के बाद चालू नवम्बर माह मे ही लागू करने की तैयारी है।

     इसमे कबड्डी,फुटबाॅल,बैडमिंटन और हाॅकी के साथ ही अन्य पारंपरिक खेलों को भी जगह मिली है।खास बात यह है कि खेलकूद को बढ़ावा देने की कार्ययोजना मे नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति(New National Education Policy) की सिफारिशों का भी पूरा ख्याल रखा गया है।इसके दायरे मे तीन साल से लेकर दसवीं तक के बच्चे आएंगे।

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