मंत्रालय तक पहुंची " चेतना सत्र " की सफलता की धमक,मंत्रालय ने ली जिला शिक्षा पदाधिकारी(डीईओ) से जानकारी।


मंत्रालय तक पहुंची  "चेतना सत्र " की सफलता की धमक,मंत्रालय ने ली जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ ) से जानकारी।   

मोतिहारी.... जिले के प्रारंभिक विद्यालयों का चेतना सत्र के साथ शैक्षणिक माहौल अब बदलने लगा है। विद्यालयों मे अधिकांश बच्चे अब यूनिफार्म, टाई व आई कार्ड लगाकर विद्यालय पहुंचने लगे है। शिक्षक के अध्यापन कार्य मे नयापन आया है और उनमे बेहतर करने की होड़ है।
      यदि सरकारी विद्यालयों की यह गति कायम रही तो निश्चित रूप से सरकारी विद्यालय शहर के निजी विद्यालयों को टक्कर देंगे। जिले के चेतना सत्र की सफलता की धमक राज्य स्तर तक पहुंच गई है। यहीं कारण है कि शिक्षा मंत्रालय मे डीईओ संजय कुमार को बुलाकर चेतना सत्र के बारे मे जानकारी ली गई। 27 अक्टूबर को मोतिहारी पहुंचे शिक्षा मंत्री भी डीईओ के द्वारा संचालित शैक्षणिक कोषांग का निरीक्षण किया था। चेतना सत्र मे शैक्षणिक कोषांग के द्वारा विद्यालयों को मेटेरियल तैयार किया जाता है और इसे विद्यालयों को उपलब्ध कराई जाती है। विभाग की माने तो चेतना सत्र का यह प्रयोग अन्य जिलों मे भी लागू हो सकता है।

डीएम व डीईओ से मिलने का छात्रों को मिला मौका....  
हाल ही मे मध्य विद्यालय केसरिया कन्या, मध्य विद्यालय तुरकौलिया बालक व केजीबिभी तुरकौलिया के छात्रों की टीम को डीएम व डीईओ से मिलने तथा उनसे बात करने का अवसर मिला है। इससे छात्रों व विद्यालय के शिक्षकों का मनोबल बढ़ा है। अब इन विद्यालयों के बच्चों व अभिभावकों मे यह चर्चा व कौतुहल का विषय बना है।

चेतना सत्र को ले किया गया है कोषांग का गठन.....   
विद्यालयों की शुरुआत चेतना सत्र से होती है। छात्रों के लिए पढ़ाई आसान व रोचक हो इसके लिए डीईओ संजय कुमार ने शैक्षणिक कोषांग का गठन किया। 12 शिक्षकों की टीम इस कोषांग मे काम करती है।
     जो प्रतिदिन स्टडी मेटेरियल तैयार कर व्हाट्सएप के माध्यम से उपलक्ष्य कराया जाता है।
चेतना सत्र में दिया जाता है बेसिक ज्ञान...    
सत्र मे स्टडी मेटेरियल किसी एक कक्षा के लिए नही होता है। इसमे सभी वर्ग के छात्रों के लिए बेसिक जानकारी होती है जिसमे प्रार्थना,आज का विचार,दिवस ज्ञान,पांच सामान्य ज्ञान के प्रश्न,पांच-पांच हिन्दी व अंग्रेजी के शब्द,तर्क ज्ञान के पांच प्रश्न व प्रेरक प्रसंग आदि होते है। कैंपस की सफाई के बाद चेतना सत्र मे लाउडस्पीकर के माध्यम से बच्चों को इसे पढ़कर बताया जाता है।
      इसमे 40 मिनट का समय लगता है। वहीं प्रत्येक गुरुवार को इसका मूल्यांकन भी होता है। इसके अलावे कमजोर छात्रों के लिए 16 अगस्त 2022 से उपचारात्मक शिक्षा के लिए मेटेरियल भेजी जाती है।
     प्रारंभिक विद्यालयों मे इस प्रयोग के सफलता के बाद कस्तूरबा बालिका विद्यालयों के लिए 23 जुलाई 2022 से तथा माध्यमिक विद्यालयों के लिए 23 सितम्बर 2022 से स्टडी मेटेरियल  भेजा जा रहा है।

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