बिहार जाति आधारित गणना 2023 के बारे मे कुछ महत्त्वपूर्ण बातें :-
इन दिनों बिहार में जाति आधारित गणना की खूब चर्चा है, इसलिए इस गणना के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की जा रही हैं। सबसे पहली बात यह है कि इस गणना का काम दो चरणों में होना है।
पहले चरण में 7 जनवरी 2023 से 21 जनवरी 2023 तक भवनों तथा मकानों की गणना होनी है और दूसरे चरण में 1 अप्रैल 2023 से 30 अप्रैल 2023 तक विस्तृत गणना होनी है।
पहले चरण में गणना कर्मी गणना क्षेत्र में पहुँचने के बाद सबसे पहले अपने क्षेत्र का एक नज़री नक़्शा बनाएगा। नज़री नक़शा बनाने का काम क्षेत्र के उत्तरी भाग से शुरू करेगा। इस क्रम में वह क्षेत्र के सारे भवनों तथा मकानों का नक़शा तैयार करेगा। कच्चे-पक्के भवनों, इबादत खानों, शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों और सरकारी कार्यालयों सहित सारे आवासीय, व्यवसायिक तथा खाली पड़े मकानों आदि का नक़शा बनाएगा। नक़शे में कच्ची-पक्की सड़कों, तालाबों, नदियों, नहरों और कुओं आदि को भी दिखाया जाएगा। नक़शे में सारे भवनों तथा मकानों को एक तरफ़ से गिनकर अलग-अलग सीरियल नंबर दिया जाएगा। भवनों के लिए अलग सीरियल नंबर होगा और मकानों के लिए अगल। इस काम के लिए जो फार्म तैयार किया गया है, उसमें निम्नलिखित कॉलम हैं :-
1- क्रम संख्या
2- भवन संख्या
3- मकान संख्या
4- जिस उद्देश्य के लए मकान का उपयोग किया जा रहा है
5- परिवार की संख्या
6- परिवार के मुखिया का नाम
7- परिवार में कुल सदस्यों की संख्या
8- परिवार का क्रम संख्या
9- दौरे की तिथि
10- परिवार के मुखिया का हस्ताक्षर
यहाँ फॉर्म में दिए गए तीन शब्दों यानी भवन, मकान तथा परिवार के अंतर को समझने की ज़रूरत है। भवन से मुराद बिल्डिंग है और मकान से मुराद “परिवार के रहने का वह क्षेत्र है, जिसके बाहर निकलने के लिए अलग दरवाज़ा हो। जिस मकान में बाहर निकलने के अलग-अलग कई दरवाज़े हों, उसे दरवाज़ों की संख्या के बराबर अलग-अलग मकान माना जाएगा।” भवन तथा मकान के इस अंतर को शहर में रहने वाले लोग आसानी से समझ सकते हैं, जहाँ एक भवन के अंदर कई-कई मकान हुआ करते हैं।
अब परिवार शब्द को समझतें हैं। परिवार से मुराद वह लोग हैं, जिनका खाना एक ही चूल्हे में बनता हो। इससे स्पष्ट यह हुआ कि एक भवन के अंदर कई मकान हो सकते हैं और एक मकान के अंदर कई परिवार हो सकते हैं। अब इस बात को समझें कि गिनती के समय भवनों तथा मकानों का अलग अलग सीरिय नंबर कैसे डाला जाएगा?
इसे एक उदाहरण से समझते हैं। जब गणना का काम गाँव के उत्तर से शुरू होगा, तो सबसे पहले भवन का नंबर होगा भवन नंबर 0001। अब अगर अगर उसमें तीन मकान हों, तो मकान नंबर सिलसिलेवार 001, 002 और 003 लिखे जाएँगे। अब जब अगले भवन की गिनती शुरू होगी, तो उसका भवन नंबर होगा 002 और उसमें अगर दो मकान हैं, तो उन मकानों का नंबर होगा, मकान नंबर 004 और मकान नंबर 005। फिर उसके बाद वाले भवन का नंबर होगा 003 और उसमें अगर एक ही मकान है, तो उसका मकान नंबर होगा 006। बस इसी तरह यह सिलसिला आगे बढ़ता चला जाएगा।
अब फ़ार्म के सारे कॉलमों को एक बार ध्यान से देखें। उसमें सबसे पहले भवन संख्या लिखा जाएगा, उसके बाद मकान संख्या लिखा जाएगा। यहाँ मैं यह बताते हुए आगे बढ़ना चाहता हूँ कि गणना कर्मी आपके मकान के दरवाज़े पर गणना करते समय भवन तथा मकान संख्या लिखकर ही आगे बढ़ेगा। इसके बाद फिर लिखा जाएगा कि मकान का प्रयोग किस उद्देश्य के लिए हो रहा है। वह आवासीय है, व्यवसायिक है या इबादत खाना है या कुछ और है? फिर यह लिखा जाएगा कि उस मकान में कितने परिवार रहते हैं...? फिर जितने परिवार रहते हैं, हर एक के मुखिया का नाम अलग-अलग खानों में लिखा जाएगा। फिर हर एक परिवार में जितने सदस्य हैं, उनकी संख्या लिखी जाएगी। फिर जितने परिवार हैं, उनकी अलग-अलग क्रम संख्या डाली जाएगी। मसलन परिवार नंबर 1 और परिवार नंबर 2 आदि। फिर गणना कर्मी ने जिस तिथि को उस मकान का दौरा किया, वह तिथि डाली जाएगी। अंत में परिवार के मुखिया का हस्ताक्षर लिया जाएगा।
यहाँ एक बात और याद रखें। समाज में ऐसे भी लोग होते हैं, जो बेघर होते हैं। “बेघर परिवारों से तात्पर्य वैसे परिवार हैं, जो अनियमित वासों में अस्थायी रूप से रहते हैं। जैसे अतिक्रमण कर बनाई गई झौंपड़ियाँ और पुल-पुलिया के नीचे के परिवार आदि।” इन परिवारों की भी गणना की जाएगी, लेकिन इनको जो भवन या मकान संख्या दी जाएगी, वह केवल गणना कार्य के लिए होगी। उसका कोई वैधानिक आधार नहीं होगा।
इस तरह पहले चरण का काम पूरा हो जाएगा। परिवार तथा परिवार के सदस्यों से संबंधित शेष जानकारियाँ दूसरे चरण की गणना में माँगी जाएँगी।
अब अंत में यह बता दूँ कि हमें गणना के समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
1- सबसे पहले हमें सजग रहना चाहिए और इस बात की जानकारी रखनी चाहिए कि गणना कर्मी किस दिन हमारे मकान की गणना के लिए आ रहा है?
2- अपने भवन, मकान तथा परिवार की खाना-पुरी हर हाल में करवाएँ, क्योंकि अगले चरण की गणना इसी गणना के आधार पर होगी। अगर आप छूट गए, तो बड़ी समस्या हो सकती है।
3- खाना-पुरी का काम खुद से करवाएँ।
4- हम लोग अकसर संयुक्त परिवार में रहते हैं। अतः परिवारों की खाना-पुरी के मामले में विवेक से काम लें और समाज के जागरुक लोगों से राबता रखें।
5- परिवार के सदस्यों की संख्या सही लिखवाएँ, क्योंकि इसी के आधार पर अगले चरण की गणना होनी है।
6- परिवार के मुखिया का नाम वही लिखवाएँ, जो आधार कार्ड में हो। ज़बानी लिखवाने के बजाय गणना कर्मी को आधार कार्ड दे दें और उसी को देखकर लिखने को कहें।
7- इस काम में हर हाल में एक-दूसरे का सहयोग करें। लेकिन किसी की खाना-पुरी कोई दूसरा न कराए।
8- गाँव के जागरुक लोग इस बात का ध्यान रखें कि नकशे में मस्जद, मदरसा तथा अन्य सार्वजनिक भवनों को दर्शा दिया गया है।
पहले चरण की गणना से संबंधित यह कुछ महत्वपूर्ण बातें थीं, जो अभी रख दी गई हैं। अगले चरण के बारे में कुछ बातें समय आने पर लिखी जाएँगी।
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