राज्य के पंचायतीराज एवं नगर निकाय अन्तर्गत नियुक्त शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की उठी मांग ! ■ बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने किया मांग


राज्य के पंचायतीराज एवं नगर निकाय अन्तर्गत नियुक्त शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की उठी मांग !   

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने किया मांग  

News Desk... शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्य प्रतिनिधि श्री सुरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रतिदिन संविधान की दुहाई दी जाती है। संविधान कहता है समान काम के बदले समान वेतन अधिकार है तो फिर शिक्षकों के साथ ऐसा बर्ताव क्यों..❓️
 
      इंटर से लेकर पीएचडी डिग्री धारी शिक्षक बहाल किए गए फिर भी कहा जाता है योग्य नही है। शिक्षकों से स्वच्छता अभियान से लेकर जनगणना, चुनाव कार्य, बीएलो कार्य एवं विभिन्न प्रकार के अन्य गैर शैक्षणिक कार्य कराए जाते है फिर भी वह योग्य नही है। 

     अब तो हद हो गई है कि जीविका दीदियों को शिक्षकों की निगरानी करने के लिए जिम्मेवारी मिली है। 2005 मे सरकार ने नियोजन नियमावली बनाई थी तब शिक्षक संघ को आश्वासन दिया गया था कि दो-तीन सालो मे नियोजन शब्द हटा दिया जाएगा।  लेकिन 18 साल बीतने के बाद भी नियोजन शब्द ज्यों का त्यों बना हुआ है।

      श्री सिंह ने कहा कि सरकार शिक्षकों को नियोजित, वित्त रहित, अतिथि शिक्षक, परमानेंट शिक्षक आदि मे बांटकर उनका शोषण कर रही है। वेतन विसंगतियां है लेकिन उसे भी दूर नही किया जा रहा है। वित्तीय बोझ का अभाव बताकर शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने से भाग रही है सरकार। 

     उन्होने कहा कि समान काम समान वेतन एवं राज्यकर्मी का दर्जा सहित पुरानी पेंशन योजना मिलने तक संघ लगातार शिक्षकों की मांग सरकार के समक्ष रखेगी।

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