बच्चों के संपूर्ण विकास पर भी ध्यान देंगे स्कूल ■ स्कूली शिक्षा के लिए नए कैरीकुलम फ्रेमवर्क मे बुनियादी स्तर से ही सही करने की दी जाएगी सीख


बच्चों के संपूर्ण विकास पर भी ध्यान देंगे स्कूल 

स्कूली शिक्षा के लिए नए कैरीकुलम फ्रेमवर्क मे बुनियादी स्तर से ही सही करने की दी जाएगी सीख 

नई दिल्ली..... नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों मे अगले साल से लागू होने वाले नए पाठ्यक्रम से सिर्फ बच्चों की पढ़ाई ही नही बदलेगी बल्कि उनका पूरा जीवन भी बदलेगा। क्योंकि इसके तहत तैयार होने वाले पाठ्यक्रम को कुछ इस तरह से डिजाइन करने की सिफारिश की गई है, जो बच्चों को पढ़ने-पढ़ाने तक ही सीमित नही रखेगा बल्कि उनके सम्पूर्ण विकास पर भी ध्यान देगा। जिसमे प्रत्येक स्तर पर उनके ज्ञान और सीखने की क्षमता की परख होगी। साथ ही उन्हे किसी एक हुनर से भी जोड़ेगा। इतना ही नही, बच्चों मे बुनियादी स्तर से नैतिक मूल्यों और भारतीय जड़ों से जोड़े रखने वाले बीज भी रोपे जाएंगे। ताकि आगे चलकर वह उनके व्यक्तित्व विकास को एक नई ऊंचाई दे सके।

      नए स्कूली पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए जारी किए गए नेशनल कैरीकुलम फ्रेमवर्क के मसौदे मे प्रत्येक स्तर पर बच्चों को पढ़ाई के बेवजह की बोझ से मुक्त रखने के साथ उनके सम्पूर्ण विकास पर ध्यान दिया गया है। इसमे उन्हे ऐसी सामग्री पढ़ाने की सिफारिश की गई है जो ज्ञान के स्तर पर मजबूत बनाने के साथ भारतीय जड़ों से जोड़ने वाली हो।

      यही वजह है कि फ्रेमवर्क मे इस बात पर जोर दिया गया है कि उन्हे जो भी पढ़ाया जाए उसका लर्निंग आउटकम जरूर जांचा जाए। साथ ही उन्हे जो सामग्री पढ़ाई जाए,उसके कंटेंट भारतीय हो या भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ने वाले हो। उदाहरण के रूप मे गणित विषय मे यदि किसी गणितज्ञ का उदाहरण देना हो या उसके बारे मे पढ़ाना हो तो उसमे भारतीय गणितज्ञों जैसे बोधायन, पाणिनी, आर्यभट्ट, भास्कर, रामानुजम् आदि को ही पढ़ाया जाए।

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