अब पोर्टल पर अपलोड प्रमाण पत्रों की होगी जांच ■ डीपीओ स्थापना सत्यापित कर निगरानी विभाग को कराएंगे उपलब्ध, जांच की रफ्तार होगी तेज


अब पोर्टल पर अपलोड प्रमाण पत्रों की होगी जांच   

डीपीओ स्थापना सत्यापित कर निगरानी विभाग को कराएंगे उपलब्ध, जांच की रफ्तार होगी तेज 

पटना.... राज्य के प्राइमरी एवं मिडिल स्कूलों मे पदस्थापित नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच मे अब तेजी आएगी। प्रमाण पत्र की जांच निगरानी विभाग की टीम वर्ष 2015 से ही कर रही है, लेकिन निगरानी विभाग को प्रमाण पत्र से संबंधित फोल्डर शत प्रतिशत उपलब्ध नही होने के कारण जांच प्रभावित हो रही है। अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को निर्देश दिया है कि वे वेब पोर्टल पर अपलोड शिक्षकों के प्रमाण पत्र डाउनलोड करेंगे तथा उसे अधिप्रमाणित करते हुए जिला के निगरानी विभाग के अधिकारी को जांच के लिए उपलब्ध कराएंगे।

      उन्हे यह प्रमाण पत्र एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराना है। इसके लिए यूजर आईडी एवं पासवर्ड विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से डीईओ और डीपीओ को उपलब्ध कराया जाएगा। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने 19 मई को जारी आदेश मे कहा है कि उच्च न्यायालय पटना मे दायर लोकहित याचिका सीडब्ल्यूजेसी 15459/2014 रंजीत पंडित बनाम राज्य सरकार एवं अन्य तथा सीडब्ल्यूजेसी 17115/2019 रंजीत पंडित बनाम राज्य सरकार एवं अन्य मे पारित आदेश के तहत नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक तथा प्रमाण पत्र की जांच निगरानी विभाग के द्वारा कराई जा रही है। निगरानी विभाग द्वारा 22 मार्च को शपथ पत्र मे प्रतिवेदित किया है कि राज्य के 75503 शिक्षकों के फोल्डर अभी तक अप्राप्त है।

वर्ष 2021 मे ही प्रमाण पत्र कराया गया है अपलोड.....  
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि वैसे शिक्षक जिनका प्रमाण पत्र से संबंधित फोल्डर निगरानी विभाग को संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध नही कराया गया था, उसे निगरानी विभाग को शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए अंतिम विकल्प के रूप मे 8 जनवरी 2021 को आयोजित बैठक मे लिए गए निर्णय के आलोक मे एक वेब पोर्टल विभाग द्वारा तैयार किया गया है। जिसमे शिक्षकों द्वारा उनके शैक्षणिक तथा प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र अपलोड किया गया है। इसमे विभाग द्वारा निर्णय लिया गया है कि जिन शिक्षक से संबंधित फोल्डर वेब पोर्टल पर अपलोड है। उनके प्रमाण पत्र को डाउनलोड कर उपलब्ध कराना है। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय मे 7 अगस्त 2023 को निर्धारित है। जिसमे जांच की प्रगति की समीक्षा की जाएगी, इसलिए निगरानी विभाग को फोल्डर उपलब्ध कराने मे किसी भी प्रकार का विलंब नही करना है।

25 मई तक अपर मुख्य सचिव के पास भेजना है प्रतिवेदन......  
साथ ही इससे संबंधित इसका अनुपालन करते हुए प्रतिवेदन 25 मई तक अपर मुख्य सचिव के पास भेजना भी है। शिक्षक से संबंधित फोल्डर नियोजन इकाई के पास रहता है, लेकिन नियोजन इकाईयों द्वारा फोल्डर उपलब्ध नही कराया गया है। जबकि शिक्षक कई बार फोल्डर नियोजन इकाई तथा प्रखण्ड शिक्षा कार्यालय मे जमा कर चुके हैं। इसके बावजूद फोल्डर नही मिलने के बाद विभागीय वेबसाइट पर शिक्षक प्रमाण पत्र से संबंधित फोल्डर अपलोड करा चुके है।

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