पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार के जातिय गणना पर लगाई रोक ◾अब तक कराए गए गणना के डाटा को सुरक्षित रखने को कहा
पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार के जातिय गणना पर लगाई रोक
◾अब तक कराए गए गणना के डाटा को सुरक्षित रखने को कहा
पटना..... बिहार सरकार के द्वारा बिहार में राजनीतिक लाभ लेने के लिए जाति आधारित गणना कराई जा रही है। जाति आधारित गणना के साथ-साथ आर्थिक सर्वे का मामला भी जोड़ा गया है। जाति आधारित इस मामले को लेकर जमकर राजनीति हो रही है। इस राजनीति को लेकर दूसरे राज्यों पर भी प्रभाव पड़ा है । केंद्रीय स्तर पर भी देशभर में जाति आधारित गणना कराने की मांग उठी है।
बिहार सरकार के द्वारा जाति आधारित गणना को लेकर सभी जातियों के लिए एक कोड भी जारी किया गया और बड़ी संख्या में जातीय गणना में शिक्षक लगे हुए थे और इसकी गणना हो रही थी।
उधर, पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर किया गया। जिसमें गुरुवार को पटना हाई कोर्ट के द्वारा जाति आधारित गणना पर रोक लगा दी गई है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीफ जस्टिस विनोद चंद्रन के न्यायालय मे इस मामले की सुनवाई हो रही थी।
याचिकाकर्ता के पक्ष से अपराजिता सिंह और दीनू कुमार अधिवक्ता के द्वारा पक्ष रखा गया था। सरकार की ओर से पीके शाही महाधिवक्ता के द्वारा अपना पक्ष रखा गया था। इसमें जाति आधारित गणना में किसका फायदा होगा और क्यों कराया जा रहा है। ऐसे सवाल उठाए गए थे। इस पर फैसला को सुरक्षित रखा गया था । जिसमें गुरुवार को जाति आधारित गणना रोक देने का आदेश जारी किया गया है। साथ ही साथ अब तक कराए गए डाटा को सुरक्षित रखने के लिए भी कहा गया है। इस जाति आधारित गणना पर बिहार सरकार ने ₹500 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की थी।
सरकार के उप सचिव रजनीश कुमार ने सभी जिला पदाधिकारी को जारी किया संबंधित पत्र
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