सरकारी स्कूल के शिक्षकों ( प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक ) के मानसिक स्वास्थ्य का होगा अध्ययन
● राज्य अपने स्तर से एजेंसी का चयन करेंगे।
● अक्टूबर से अध्ययन शुरू हो जाएगा।
पटना..... राज्य के प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के सरकारी स्कूल के शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य का अध्ययन होगा। अध्ययन का काम एजेंसी के जरिये होगा। राज्य अपने स्तर से एजेंसी का चयन करेंगे। अध्ययन के लिए तैयार 16 बिंदुओं के प्रश्नों का उत्तर शिक्षकों को काॅपी पर भरना होगा। अध्ययन की जिम्मेवारी शिक्षा मंत्रालय ने एनसीईआरटी को दी है।
एनसीईआरटी के पत्र के आधार पर राज्य सरकार ने एससीईआरटी के माध्यम से सभी जिला शिक्षा कार्यालय को इस बाबत पत्र भेजा है। सभी विद्यालयों को भी इसकी सूचना दे दी गई है। अक्टूबर से अध्ययन शुरू हो जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के पत्र मे पूर्व के अध्ययन का हवाला दिया गया है। इस अध्ययन के अनुसार शिक्षकों के मानसिक तनाव का असर स्कूल के शैक्षणिक माहौल पर हो रहा है।
➡️ पूर्व के अध्ययन मे ये बातें आई थी सामने.....
■ शिक्षकों के मानसिक तनाव का असर पठन-पाठन पर होता है।
■ बच्चों को डाटने, पीटने की घटनाएं कई बार स्कूलों मे होती है।
■ कई शिक्षकों के व्यवहार से बच्चे डरे रहते हैं, स्कूल नही आते।
■ शिक्षक एक-दूसरे पर चिल्लाते हैं। छोटी-छोटी बातों पर झगड़ते हैं।
▶️ ये प्रश्न पूछे जाएंगे......
● स्कूल या घर, कहां अधिक मानसिक तनाव होता है।
● स्कूल परिसर मे क्या परेशानी हो रही है।
● मानसिक तनाव अगर है तो आपकी नजर मे उसका कारण क्या है।
● क्या आपके मानसिक तनाव का असर कक्षा मे पढ़ाते समय रहता है।
● शिक्षण व्यवस्था से आप संतुष्ट हैं या नही।
● आपका मानसिक स्वास्थ्य कैसा है।
● क्या आप विद्यालय मे रहने के दौरान तनाव महसूस करते हैं।
📙 कॉपी ऑनलाइन अपलोड करेंगे शिक्षक........
शिक्षा मंत्रालय ने अपने पत्र मे प्रश्नोत्तर की काॅपी को ऑनलाइन अपलोड करने का निर्देश दिया है। इससे अध्ययन रिपोर्ट जल्द तैयार हो सकेगी। रिपोर्ट मे जो बातें निकल कर आएगी, इसी के अनुसार शिक्षकों की काउंसिलिंग की जाएगी। काउंसिलिंग के लिए टीम बनेगी।
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