" ई-शिक्षाकोश " || शिक्षकों के प्रोफाइल अपडेट करने की मियाद हुई पूरी। ■ समीक्षा के बाद अपडेशन नही करने के मामले मे कार्रवाई की बारी

" ई-शिक्षकोश " || शिक्षकों के प्रोफाइल अपडेट करने की मियाद हुई पूरी।  

समीक्षा के बाद अपडेशन नही करने के मामले मे कार्रवाई की बारी 

पटना..... राज्य मे "ई-शिक्षाकोश" पोर्टल पर स्कूली शिक्षकों का प्रोफाइल अपडेट करने की मियाद पूरी हो चुकी है।

     बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के अपर राज्य परियोजना निदेशक रविशंकर सिंह, जो शिक्षा विभाग के केंद्रीयकृत अनुश्रवण कोषांग के प्रभारी भी हैं, ने राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को हर हाल मे 30 सितंबर तक "ई-शिक्षाकोश" पोर्टल पर स्कूली शिक्षकों का प्रोफाइल अपडेट करने का निर्देश दिया था। दरअसल, उस दिन तक "ई-शिक्षाकोश" पोर्टल पर स्कूली शिक्षकों का प्रोफाइल अपडेट करने मे राज्य मे जहानाबाद एवं बेगूसराय अव्वल था। दोनो जिलों मे 79 फीसदी शिक्षकों के प्रोफाइल "ई-शिक्षाकोश" पोर्टल पर अपडेट हो चुके थे। शेखपुरा मे 77 फीसदी, कैमूर मे 76 फीसदी एवं वैशाली मे 75 फीसदी शिक्षकों के प्रोफाइल "ई-शिक्षाकोश" पोर्टल पर अपडेट हुए थे। इससे इतर शिक्षकों के प्रोफाइल अपडेट करने मे सबसे पीछे चलने वाले पांच जिलों मे अररिया, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, पटना एवं जमुई जिले शामिल थे। अररिया एवं लखीसराय मे 23 फीसदी, मुजफ्फरपुर एवं पटना मे 34 फीसदी तथा जमुई मे 36 फीसदी शिक्षकों के प्रोफाइल अपडेट हुए थे।

      इसी प्रकार पश्चिम चम्पारण मे 37 फीसदी, दरभंगा मे 39 फीसदी, बांका मे 40 फीसदी, कटिहार मे 43 फीसदी, सिवान मे 43 फीसदी, शिवहर मे 44 फीसदी, बक्सर मे 44 फीसदी, खगड़िया मे 46 फीसदी, पूर्णिया मे 46 फीसदी, किशनगंज मे 49 फीसदी, अरवल मे 51 फीसदी, नालंदा मे 54 फीसदी, मधुबनी मे 54 फीसदी, सुपौल मे 54 फीसदी, पूर्वी चम्पारण मे 56 फीसदी, गोपालगंज मे 59 फीसदी, औरंगाबाद मे 60 फीसदी, समस्तीपुर मे 61 फीसदी, गया मे 62 फीसदी, सीतामढ़ी मे 63 फीसदी, भोजपुर मे 64 फीसदी, भागलपुर मे 66 फीसदी, मधेपुरा मे 67 फीसदी, सारण मे 70 फीसदी, रोहतास मे 72 फीसदी, सहरसा मे 72 फीसदी, मुंगेर मे 73 फीसदी एवं नवादा मे 74 फीसदी शिक्षकों के प्रोफाइल 25 सितंबर तक अपडेट हुए थे।

     बहरहाल, अब मामले की समीक्षा होगी। समीक्षा मे ही यह पता चलेगा कि शिक्षकों के प्रोफाइल अपडेट हुए या बाकी रह गए। ऐसे मे प्रोफाइल अपडेट नही करने वाले जिलों के संबंधित अधिकारी कार्रवाई की जद मे आ सकते हैं।

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