शिक्षा विभाग किराये पर आवास देने को इच्छुक लोगों संग किया मंथन। तैयारी : सूबे मे शिक्षक आवास नीति बनेगी
शिक्षा विभाग किराये पर आवास देने को इच्छुक लोगों संग किया मंथन
तैयारी : सूबे मे शिक्षक आवास नीति बनेगी
■ 5 लाख शिक्षकों के लिए जिला से लेकर अनुमंडल, प्रखंड और पंचायत स्तर तक मकान की तलाश
■ कई लोगों ने अपना आवास किराये पर देने की जताई है इच्छा
पटना..... बिहार मे शिक्षकों को उनके स्कूल के नजदीक आवास की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग एक नीति बना रहा है। जिसमे आवास देने के लिए तमाम प्रक्रियाओं और नियमों का उल्लेख रहेगा। नीति बनाने के बाद विभाग राज्य कैबिनेट की मंजूरी लेगा।
नीति लागू होने के बाद आवास की सुविधा शिक्षकों को दी जाएगी। शिक्षकों को आवास देने के लिए विभाग ने संबंधित मकान मालिकों और रियल एस्टेट कंपनियों से सुझाव मांगें थे, जिसको लेकर एक गोष्ठी का भी आयोजन किया गया था। गोष्ठी मे कई लोगों ने अपना आवास किराये पर देने के लिए सहमति दी है। इसको लेकर प्रमंडलवार गोष्ठी विभागीय पदाधिकारियों ने संबंधित मकान मालिकों के साथ की थी। हर प्रमंडल से पांच से दस लोग गोष्ठी मे पहुंचे थे। लोगों द्वारा दिए गए सुझावों पर भी विभाग एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इस रिपोर्ट का अध्ययन कर आवास के लिए नीति बनाई जाएगी।
जानकारी के अनुसार, ज्यादातर लोगों ने मकान के बदले मिलने वाली किराये की राशि के बारे मे पूछा। लोगों ने यह भी कहा कि खासकर शहरी इलाकों शिक्षकों को जो मकान किराया भत्ता मिलता है, उतने किराये पर आवास देना मुश्किल होगा। भत्ता के अतिरिक्त भी राशि मकान मालिकों को मिलनी चाहिए। इन सभी बातों की चर्चा नीति मे रहेगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर से मकान मालिकों अथवा कंपनियों से करार होगा और शिक्षकों को आवास की सुविधा दी जाएगी।
क्या है वजह.......
राज्य मे दूर-दराज के क्षेत्रों मे मकानों और आवासन की अनुपलब्धता के कारण कई शिक्षकों को जिला मुख्यालय मे रहना पड़ता है। जिला मुख्यालय से दूर के स्कूल आने-जाने मे उनका काफी समय और पैसा खर्च होता है। इसलिए, शिक्षक स्कूल के नजदीक रहेंगे तो उन्हे काफी सुविधा होगी। स्कूलों मे पठन-पाठन स्तर भी सुधरेगा।
2000-2600₹ मिलेगा आवास भत्ता.......
विभाग ने कहा है कि हर साल शिक्षकों के वेतन पर 33 हजार करोड़ रुपए खर्च होते हैं। औसतन 8% मकान किराया भत्ता हर शिक्षक को दिया जाता है। आठ प्रतिशत की यह राशि लगभग 2500 करोड़ होती है। विभाग इस राशि से मकान/भवन पर्याप्त संख्या मे लीज या किराये पर लेगा। ताकि, शिक्षकों को उनके स्कूल के समीप बेहतर आवास की व्यवस्था दिलायी जा सके। मालूम हो कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से चयनित शिक्षकों को औसतन 2000₹ से 2600₹ के बीच मकान किराया भत्ता मिलेगा।
दो मॉडल पर चल रहा काम......
विभाग ने यह कहा है कि शिक्षकाें को दूरस्थ क्षेत्रों मे आवास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दो मॉडल पर विचार हो रहा है।
[1] पहले से बने मकानों के मालिक और बहुमंजिली इमारतों के मालिकों से प्रस्ताव मांगा गया है। यह पूछा गया है कि वे कितने मकान किस जिले के प्रखण्ड और ग्राम पंचायत मे उपलब्ध करा सकते हैं। शिक्षा विभाग उन्हें किराये या लीज पर तुरंत ले सकता है।
[2] रियल एस्टेट कंपनियों और अन्य फर्मों-व्यक्तियों से भी प्रस्ताव आमंत्रित किया गया कि वह जिला, अनुमण्डल और प्रखण्ड मुख्यालय मे ऐसी बहुमंजिली इमारतें बनाएं, जहां केवल विभाग के शिक्षक रहेंगे। ये इमारतें नीजि कंपनियां अपने खर्च पर बनाएंगी। शिक्षा विभाग उन्हें दीर्घकालिक लीज पर लेगा और हर माह किराये का भुगतान करेगा।
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