डिजिटल साक्षरता के माध्यम से स्कूली शिक्षा में होगा बदलाव, बदलेगी पूरे प्रदेश और देश के सरकारी स्कूलों मे शिक्षा की दशा व दिशा


डिजिटल साक्षरता के माध्यम से स्कूली शिक्षा में होगा बदलाव, बदलेगी पूरे प्रदेश और देश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की दशा व दिशा

● तकनीक और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देंगे शिक्षक 
● स्मार्ट वर्चुअल क्लासरूम, आईसीटी-डीटीएच चैनल से मिलेगा प्रशिक्षण 
● प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को डिजिटल शिक्षा सुनिश्चित कराएगा डायट


पटना.... अब डिजिटल साक्षरता के माध्यम से पूरे प्रदेश और देश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की दशा व दिशा बदलेगी। इसके लिए स्कूलों के शिक्षक और प्रधानाध्यापक को स्मार्ट क्लास और वर्चुअल क्लासरूम तथा आईसीटी तथा डीटीएच चैनलों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद शिक्षक तकनीक और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे पाने में और ज्यादा सक्षम हो पाएंगे। इसको लेकर राज्य के सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में तैयारी शुरू कर दी गई है।

      दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुसार स्कूली बच्चों की शिक्षा में सुधार के लिए कई प्रस्ताव है। इसी के आधार पर स्कूली स्तर पर शिक्षा को तकनीक से लैस कर डिजिटल साक्षरता के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने के लिए स्कूलों के प्रधानाध्यापकों तथा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिये जाने की योजना है। इसके तहत स्कूलों में नये-नये शोध आधारित, तय स्कूली पाठ्यक्रम तथा टीचिंग-लर्निंग मैटेरियल (टीएलएम) विधि से शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके में भी बदलाव आएगा। 

    खासकर, टीएलएम का उद्देश्य बच्चों के पाठ्यक्रम को विस्तारित करने में शिक्षकों की सहायता करना और बच्चों को सीखने की प्रक्रिया में बुद्धि लाना है।

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