अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग डॉ. एस सिद्धार्थ का शिक्षकों के नाम संदेश


अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग डॉ. एस सिद्धार्थ का शिक्षकों के नाम संदेश

प्रिय शिक्षकगण,
हमारी संस्कृति और परंपरा 'मातृ देवो भव', 'पितृ देवो भव' के साथ साथ 'आचार्य देवो भव' की रही है अर्थात गुरू का स्थान माता-पिता के समान ही पूजनीय और सम्माननीय रहा है। यह स्पष्ट करता है कि बच्चों के व्यक्तित्व पर एक शिक्षक का छाप उतना ही गहरा है जितना कि उसके माता-पिता का। जिस प्रकार माता-पिता अपने बच्चों की देखभाल करते हैं, ठीक उसी प्रकार शिक्षक भी बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए प्रयत्नशील रहते हैं। शिक्षक अपने छात्रों की क्षमता और योग्यता को पहचान कर उन्हे उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्हे एक सशक्त नागरिक के रूप में तैयार करते हैं।

     बच्चों में भाषा और गणित के बुनियादी कौशलों को विकसित करने के लिए " मिशन निपुण बिहार " कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जिसके तहत छोटे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण उपलब्ध करवाने के कई प्रयास किए जा रहे हैं। छात्र-शिक्षक अनुपात को कम करने के लिए शिक्षकों की बहाली की गई है, सभी शिक्षकों को आधुनिक तरीकों से प्रशिक्षित किया जा रहा है, पाठ्यचर्या में बदलाव किए जा रहे हैं, मूल्यांकन प्रणाली मजबूत की जा रही है और विद्यालय तत्परता कार्यक्रम को मजबूती से लागू किया जा रहा है।

   इसी क्रम में आप सभी शिक्षकों के लिए सहयोग सामग्री के रूप में " निपुण संवाद " मासिक पत्रिका का प्रकाशन किया जा रहा है, जिसके माध्यम से आपके द्वारा किए जा रहे नवाचारों को बिहार के सभी विद्यालयों में प्रसारित किया जाता है। बच्चों के सर्वांगीण विकास, उनके सीखने के लिए उपयुक्त वातावरण, बच्चों के सीखने का तरीका आदि पर आपके द्वारा लिखे गए लेख अति प्रसंशनीय है, मै इसकी सराहना करता हूं।

शुभकामनाओं के साथ 

डॉ. एस सिद्धार्थ
अपर मुख्य सचिव,शिक्षा विभाग 
       बिहार,पटना

शिक्षा, शिक्षक एवं शिक्षा विभाग से जुड़ी ख़बरें सबसे पहले आप तक।

Comments