विद्यालय का प्रदर्शन कमजोर होने पर शिक्षक लेंगे फिर से प्रशिक्षण ● शिक्षा विभाग द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर बनाई जा रही कार्ययोजना। ● शिक्षकों के प्रशिक्षण के साथ हीं स्कूलों के प्रदर्शन पर भी रखी जाएगी नजर
विद्यालय का प्रदर्शन कमजोर होने पर शिक्षक लेंगे फिर से प्रशिक्षण
● शिक्षा विभाग द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर बनाई जा रही कार्ययोजना
● शिक्षकों के प्रशिक्षण के साथ हीं स्कूलों के प्रदर्शन पर भी रखी जाएगी नजर
पटना..... राज्य के सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन यदि कमजोर हुआ तो वहां के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा एक कार्ययोजना तैयार कराई जा रही है। सरकारी विद्यालयों के निरीक्षण में प्राप्त रिपोर्ट को कार्ययोजना का आधार बनाया जाएगा। इसका बड़ा फोकस सभी विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने पर है। इसमें छात्रों से लेकर शिक्षकों तक के प्रदर्शन को आंकने के लिए नए-नए मानकों पर काम होगा।
इसमें ऐसे सभी शिक्षकों को फिर से प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिनके स्कूलों का प्रदर्शन लर्निंग आउटकम में कमजोर रहेगा। शिक्षकों को यह प्रशिक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के जरिये दिया जाएगा।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को मिलेगी मजबूती......
शिक्षा विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए भी नई कार्ययोजना संबंधी प्रस्ताव तैयार किया है। इसके लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में आधारभूत संरचना निर्माण पर फोकस किया जा रहा है। इसमें केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा कार्यक्रम के तहत 105 करोड़ 45 लाख रुपए की राशि अगस्त से मिलने की उम्मीद है। शिक्षा विभाग के एक बजट अधिकारी ने बताया कि शिक्षकों को प्रशिक्षण नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपनाए जाने वाले सभी नवाचारों व मानकों के आधार पर दिया जाएगा। इतना ही नही, प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में विद्या समीक्षा केंद्र के नाम से एक मानीटरिंग सेन्टर भी स्थापित होगा।
एनसीईआरटी ने इसका माॅडल भी विकसित कर लिया है। खास बात यह है कि डायट को वाइब्रेंट एक्सीलेंस संस्थान के रूप में तैयार करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार का है। इसके लिए शत प्रतिशत राशि केंद्र से मिलेगी।
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