मार्च में 81 हजार सरकारी विद्यालयों की रैंकिंग कराने की हो रही तैयारी...
● नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले विद्यालयों के प्रदर्शन का होगा मूल्यांकन
● 43 हजार प्राथमिक, 29 हजार मध्य और 9360 माध्यमिक विद्यालयों के लिए अलग-अलग फार्मेट पर होगा मूल्यांकन
पटना.... अप्रैल में नए शैक्षणिक सत्र राज्य के 81 हजार सरकारी विद्यालयों में शुरू होगा। उससे पहले शिक्षा विभाग द्वारा मार्च में विद्यालयों की रैंकिंग कराने की तैयारी शुरू हो गई है। यह रैंकिंग प्रत्येक विद्यालय के समग्र प्रदर्शन के आधार पर होगा। इसमें विद्यालयों में संचालित विभिन्न गतिविधियों जैसे-शिक्षण और अधिगम, संसाधन उपयोग, साफ-सफाई, स्वच्छता, शिकायत निवारण आदि शामिल किए गए हैं, जिसके लिए कुल 100 भारांक तय किए गए हैं।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में 43 हजार प्राथमिक विद्यालय हैं, जहां पहली से पांचवी तक की पढ़ाई होती है। 29 हजार मध्य विद्यालय हैं, जहां पहली से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। 9 हजार 360 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं, जहां नौवीं से बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। प्रत्येक कोटि के विद्यालय के लिए अलग-अलग रैंकिंग की जाएगी। इसलिए प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक विद्यालय के लिए अलग-अलग फार्मेट भी उपलब्ध कराए गए हैं।
रैंक के आधार पर वन से फाइव स्टार तक के होंगे विद्यालय.....
शिक्षा विभाग की ओर से मार्च में विद्यालयों की होने वाली रैंकिंग को लेकर नवंबर में ही सभी प्रधानाध्यापकों और प्रधान शिक्षकों को दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है। रैंक के आधार पर वन से फाइव स्टार तक के विद्यालय होंगे। रैंकिंग में 85 से 100 भारांक हासिल करने वाले विद्यालयों को ए प्लस ग्रेड के साथ फाइव स्टार, 75 से 84 भारांक हासिल करने वाले विद्यालयों को ए ग्रेड के साथ फोर स्टार, 50 से 74 भारांक हासिल करने वाले विद्यालयों को बी ग्रेड के साथ थ्री स्टार, 25 से 49 भारांक हासिल करने वाले विद्यालयों को सी ग्रेड के साथ टू स्टार एवं 0 से 24 भारांक हासिल करने वाले विद्यालयों को डी ग्रेड के साथ वन स्टार मिलेगा।
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